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क्या आपको भी डराते हैं कीड़े-मकोड़े

अक्सर महिलाएं छिपकली, कोंक्रोच, आदि कई कीड़ों-मकोड़ों को देख कर चीखने लगती हैं. यह एक सामान्य बात हो सकती है क्योंकि हमें बचपन से यह बताया जाता है कि ये कीड़े-मकोड़े जहरीले होतें हैं और इनके काट लेने से हम बीमार हो सकते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन कीड़े-मकोड़ों से महिलाएं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2015 10:41 PM

अक्सर महिलाएं छिपकली, कोंक्रोच, आदि कई कीड़ों-मकोड़ों को देख कर चीखने लगती हैं. यह एक सामान्य बात हो सकती है क्योंकि हमें बचपन से यह बताया जाता है कि ये कीड़े-मकोड़े जहरीले होतें हैं और इनके काट लेने से हम बीमार हो सकते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन कीड़े-मकोड़ों से महिलाएं ही क्यों डरती हैं?

एक तरफ जहां पुरुषों को मकड़ी और अन्‍य कई प्रकार के छोटे कीड़ों से डर लगता है, वहीं दूसरी तरफ महिलाएं म‍कड़ी को देखते ही डरने लगती है. हालाकि कई महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्हें डर नहीं लगता तो क्या वो उन सभी महिलाओं से अलग हैं?

अक्सर पुरुष छोटे कीड़े-मकोडो को देख कर डरने वाली महिलाओं का मजाक उड़ाते हैं. लेकिन पुरुषों को समझना चाहिए कि इसके पीछे महिलाओं का डरपोक व्‍यवहार नहीं है. इसके पीछे कुछ मानसिक कारण होते हैं जो महिलाओं को डरने पर मजबूर कर देते हैं

कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय, पिट्सबर्ग के एक ताजा शोध के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाएं रेंगने वाले कीड़ों से आसानी से डर जाती हैं. इसके लिए किये गए अध्‍ययन में 10 युवा लड़के और लड़कियों और कई मकड़ी की तस्‍वीरों को शामिल किया गया.

सभी प्रतिभागियों के समाने एक भयभीत कार्टून का सामना करने के लिए मकड़ी के रंग की छवि को दिखाया गया. शोधकर्ताओं ने फिर खुश चेहरे के सामने मकड़ी और डरे हुए चेहरे के सामने फूल दिखाया.

लड़कियों ने खुश छवि की तुलना में डरे हुई छवि को काफी लंबे समय के लिए देखा. इससे पता चलता है कि लड़कियों का भय मकड़ियों से सम्बंधित होता है, लेकिन खुश छवि उन्‍हें थोड़ी अजीब और अविश्‍वास को इंगित कर रही थी.

दूसरी तरफ लड़कों ने दोनों सेट की छवियों को काफी लंबे और एक ही समय तक देखा, इससे लड़कों का डर मकड़ियों से सम्बंधित नहीं माना जा सकता.

शोधकर्ताओं के अनुसार, यह व्‍यवहार महिलाओं की विकासवादी भावना है, जो महिलाओं में विषैले कीड़े और हानिकारक जानवरों के बारे में अधिक डर को दर्शाती है.

यही अवस्था कई बार अर्चनोफोबिया बन कर महिलाओं के लिए बीमारी भी बन सकती हैं. इसलिए किसी डर को मजाक में न लें. हो सकता है वो गंभीर बीमारी का संकेत हो.

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