कई जानी-मानी हस्तियां बुनीओंस नामक पैरों की बीमारी से ग्रस्त हैं. इस श्रेणी में महिलाएं खासकर शामिल की जाती हैं क्योंकि महिलाएं अधिक ऊँची हील के जूते पहनती हैं. बॉलीवुड से लेके हॉलीवुड तक कई अभिनेत्रियां और मॉडल्स इस विकृति को झेल रही हैं. आइए जाने क्या है बुनीओंस.
बुनीओंस यानी गोखरू, एक सामान्य पैरों की विकृति हैं. अक्सर गलत साइज़ के जूते पहनने पर पैर के पंजे या पैर की बड़ी ऊँगली/अंगूठा दबने लगता है. जो बाद में हड्डी के बढ़ने का कारण बनता है. पैर के लगातार दबने के कारण पैर का वो भाग सूज जाता है. यही सूजन पंजे को टेढ़ा कर देती है. ज्यादतर यह अंगूठे में होने वाली विकृति है. गोखरू एक प्रगतिशील विकार हैं. ये धीरे-धीरे कुछ वर्षों में हड्डियों के कोण बदल देता है जो बाद में पैरों को तिरछा भी कर सकता है.
लोगों के इसके बारे में कई तरह है भ्रम हैं. अक्सर लोगों का मानना है कि इस बीमारी का इलाज फिजूल है लेकिन ऐसा नहीं है. बुनीओंस कई बार खतरनाक रूप ले सकता है. जिसके बाद पैर की सर्जरी करना ही आखिरी उपाय होता है.
कारण
बुनीओंस फ्लेटफूट वाले व्यक्ति को होने का तथा विरासत में मिला एक यांत्रिक संरचना की कमी की वजह से भी हो सकता है. लेकिन कुछ मामलों में यह लगातार ऊँचे और गलत नाप के जूते पहनने से भी होता है.
जूते पहनते हुए यदि आपकी उँगलियाँ एक दुसरे से भिड़ने लगती हैं, आपके जूते आपको दर्द देते हैं या जूते पहनने के बाद उँगलियाँ सूज जाती है तो सावधान हो जाएं. लम्बे समय तक यही अवस्था रहने पर बुनीओंस होने की संभावना बढ़ जाती है.
लक्षण
-अंगूठे, पैर की उँगलियों के जॉइंट्स पर दर्द होना
-सूजन और जलन
-अकड़न
-चलने में परेशानी होना
क्या करें
बुनीओंस स्पष्ट नजर आने के बाद एक्स-रे कराना जरुरी है ताकि पता लगा सके की बुनीओंस किस अवस्था में है. बुनीओंस बढ़ने वाला रोग है इसलिए जरुरी है कि जानकारों होने के बाद इसकी रोकथाम के उपाय किये जाए.
सबसे पहले इसका इलाज करें यदि रोग बढ़ जाए और अधिक तकलीफ़देह हो जाए तब सर्जरी करा लें.
रोकथाम के लिए…
– सबसे पहले अपने नाप से बड़े और पंजों से खुले जूते खरीदें. कोशिश करें की जूते फ्लेट ही पहने. यह आरामदायक होगा.
– दर्द महसूस होने पर सूजन वाली जगह पर पैडिंग का इस्तेमाल करें.
-आइस पैक भी सूजन को कम करने और सिकाई के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
-सूजन से बचने के लिए शील्ड्स और पट्टियों का इस्तेमाल करें.
-पैर की सीधी गति में मालिश करें.
-एक नियमित अंतराल पर हीटिंग पैड के द्वारा सिकाई करें.
-गर्म पानी में अपने पैर डाल कर सिकाई करना सबसे अच्छा उपाय है.
इन सब के बाद भी यदि आराम न मिले तो डॉक्टर्स से जरुर परामर्श लें.