ब्लैक कॉफ़ी पसंद करने वाले हो सकते हैं मनोरोगी!
हर सुबह यदि आप ब्लैक कॉफ़ी पीना पसंद करतें हैं तो यकीं मनियें ये आपके मनोरोगी होने के लक्षण हो सकतें हैं! एक ऑस्ट्रियाई अध्ययन के अनुसार जो लोग ब्लैक कॉफ़ी पीना पसंद करतें हैं और उसे देर तक पीना पसंद करते हैं, ऐसे लोग आत्मकामी व्यक्तित्व विकार (नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसॉर्डर: एनपीडी) यानी अति-विश्वास और […]
हर सुबह यदि आप ब्लैक कॉफ़ी पीना पसंद करतें हैं तो यकीं मनियें ये आपके मनोरोगी होने के लक्षण हो सकतें हैं!
एक ऑस्ट्रियाई अध्ययन के अनुसार जो लोग ब्लैक कॉफ़ी पीना पसंद करतें हैं और उसे देर तक पीना पसंद करते हैं, ऐसे लोग आत्मकामी व्यक्तित्व विकार (नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसॉर्डर: एनपीडी) यानी अति-विश्वास और आत्मप्रशंसा डिसऑर्डर के शिकार होते हैं.
साइंटिफिक जर्नल एपेटाइट में पब्लिश शोध अनुसार, कड़वे स्वाद पसंद करने वाले लोग व्यक्तिगत विकारों से ग्रस्त, अहंकारी और पीड़ादायक जीवन से गुजर रहें होते हैं. ऐसे लोग खुद की प्रशंसा करना पसंद करते हैं. दूसरों को कमतर आंकने वाले ऐसे लोग ब्लैक कॉफ़ी, ब्लैक टी और शराब पीने वाले भी होते हैं.
शोध में प्रो. क्रिष्टिना कहती हैं कि इस तरह की कड़वी चाय के घूंट लेने वाले कुछ इस तरह के होते हैं जैसे वह रोलरकोस्टर चला रहें हों जिसमें एन्जॉय के साथ-साथ इन्हें डर भी लगता है. साथ ही ऐसे लोग डरते हुए भी अपनी प्रशंसा करना नहीं छोड़ते.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के डिसऑर्डर पनपने में कम-से-कम एक साल का समय लगता है, जिसमें कई तरह के सोशल, जेनेटिक और मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं. बचपन में अगर किसी को जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार मिले तो बड़े होने पर ये भी इसका कारण हो सकता है. इसके अलावा उपेक्षित किये जाने पर भी इस डिसऑर्डर के होने की संभावनाएं होती हैं. इस डिसऑर्डर को दूर करने के लिए थेरेपी दी जाती हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी की जड़ अनुवांशिकता में छिपी होती है. जिसे व्यवहारिकता के द्वारा दूर किया जा सकता है. इसके लिए बचपन से ही बच्चे को अधिक लाड़-प्यार के साथ, सही और गलत का भेद भी सिखाए. साथ ही उसे डाटें, मारें नही बल्कि प्यार से बातों को समझने की आदत डालें.
इसके अलावा बीमारी के लक्षण सामने आने पर व्यक्ति को सबसे पहले काउंसिलिंग के लिए ले जाएं.