टिनिटस एक ऐसी बीमारी है जिसके अंतर्गत कानों के अंदर बिना किसी वजह के एक आवाज़ गूंजती रहती है. यह बीमारी रक्तवाहिनियों की समस्या या उम्र के साथ सुनने की शक्ति के कम होने से जोड़ी जा सकती है.
टिनिटस में कई बार एक साथ कई आवाज़े सुनाई देती हैं. धीरे-धीरे इससे सुनने की क्षमता पर असर पड़ने लगता है. टिनिटस 6 मिलियन लोगों को अब तक प्रभावित कर चूकी है. हर साल हजारों की तादाद में इससे जूझने वाले मरीजों के केस सामने आते हैं.
अब तक टिनिटस के 40 वर्ष की आयु से ज्यादा के ही मरीज देखे गयें है. इन मरीजों में मुख्य रूप से दो समस्याएं- या तो इन्हें कम सुनाई देता है या इनके सुनने की सेंस्टिविटी ख़त्म हो चुकी होती है.
जानिए क्या हैं इसके लक्षण
– आसपास किसी भी तरह की आवाज़ ना होते हुए भी आपके कानों में किसी आवाज़ का गूंजना – सिसकारी, दहाड़ जैसी आवाज़ सुनना या
– कानबजना
– आवाज़ गूंजती हुई महसूस होना
कुछ लोगों को ये आवाज़ें एक कान में ही सुनाई देती है तो कुछ को दोनों कानों में. कुछ लोगों को ये आवाज़ें इतनी तेज़ सुनाई देती है कि वो असली आवाज़ ही नहीं सुन पाते. कुछ लोगों के लिए यह समस्या अस्थायी रूप से परेशान करने वाली होती है और अन्य लोगों को काफी दिनों तक ये समस्या सताती है.
टिनिटस के प्रकार
–व्यक्तिपरक टिनिटस
यह एक ख़ास प्रकार का टिनिटस होता है जिसमें आप सुन सकते हैं। ज़्यादातर लोग इस प्रकार के टिनिटस से जूझते हैं। इस प्रकार के टिनिटस का मुख्य कारण कान के अंदरूनी, बाहरी तथा मध्य भाग में समस्या होना है। अगर आप सुनने की नसों में आई समस्याओं से परेशान हैं तो आपको व्यक्तिपरक टिनिटस की समस्या है।
-वस्तुगत टिनिटस
यह टिनिटस काफी कम लोगों में पाया जाता है तथा सिर्फ डॉक्टर ही जांच के दौरान इसे सुन सकते हैं। इस प्रकार के टिनिटस का मुख्य कारण खून की धमनियों में किसी प्रकार की कोई समस्या है। यह अंदरूनी हड्डियों की कोई समस्या मांसपेशियों में मरोड़ की परेशानी हो सकती है।
टिनिटस के कारण
–तेज़ आवाज़ों के संपर्क में रहना
–कान की हड्डियों में परिवर्तन
–उम्र आधारित समस्या
-कान में वैक्स जमा होना
–कई बार दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट से भी टिनिटस होता है.
लक्षणों के पता चलते ही डॉक्टर से सलाह लें.