हालिया हुए एक शोध में बादाम को कैंसर विरोधी बताया गया है. कैंसर जैसे जटिल रोग के लिए नट्स या सूखे मेवे उपयोगी होतें हैं लेकिन इनमें भी बादाम सबसे ज्यादा गुणकारी और प्रतिरोधक क्षमता से भरपूर पाया गया.
इस शोध में 30,708 मरीजों को शामिल किया गया. अध्ययन से जुड़े शोधार्थी लैंग वू ने कहा, हमारे अध्ययन में पता चलता है कि बादाम खाने से कैंसर का जोखिम कम होता है. इस जानकारी का उपयोग कैंसर को रोकने में किया जा सकता है.
वू ने कहा, हर्ट डिजीज पर बादाम के लाभदायक प्रभाव की पहले से मौजूद जानकारी को इस अध्ययन निष्कर्ष के साथ मिलाया जाए, तो इसका अर्थ यह निकलता है कि जो व्यक्ति कैंसर और ह्रदय रोग के जोखिम कम करने के लिए बेहतर आहार अपनाना चाहते हैं, उन्हें अपने खान-पान में बादाम को शामिल करना चाहिए. उन्हें कैलोरी और वसा की मात्रा को देखते हुए सूखे मेवों में बादाम को ही अपना विकल्प बनाना होगा.
शोधार्थियों ने बताया कि पहले के शोध में भी बादाम के रोग निवारक गुणों का पता चला है, लेकिन अलग-अलग प्रकार के कैंसर में इसके असर के बारे में सटीक जानकारी का अभाव है. मायो क्लिनिक और मिनेसोटा के मिनियापोलिस में स्थिति मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधार्थीयों ने कहा कि विभिन्न प्रकार के कैंसर के साथ बादाम के प्रभाव को लेकर अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है.
बादाम खाने से कोलोरेक्टल कैंसर, इंडोमेट्रियल कैंसर और पैंक्रिएटिक कैंसर का जोखिम घटता है, लेकिन अन्य प्रकार के कैंसर और टाइप-2 मधुमेह के बारे में ऐसा कहना संभव नहीं है. समग्र तौर पर कहा जा सकता है कि बादाम खाने से कैंसर से रक्षा होती है.
इस अध्ययन की रिपोर्ट शोध पत्रिका न्यूट्रीशन रिव्यूज में प्रकाशित हुई है.