मुंह की दुर्गंध और डायबिटीज में क्या है संबंध?
डायबिटीज होने पर कुछ अन्य समस्या भी व्यक्ति को आ घेरती हैं जिनमें से हाई कोलेस्ट्रोल, हाई ब्लडप्रेशर और मुंह से दुर्गंध होने जैसी समस्याएं प्रमुख हैं. सामान्य रूप से मुंह की दुर्गंध यानी गरिष्ठ खान-पान. लेकिन डायबिटीज भी इसका एक बड़ा कारण हो सकती है. शोध बताते हैं कि दांत की एलविओलर हड्डी तथा […]
डायबिटीज होने पर कुछ अन्य समस्या भी व्यक्ति को आ घेरती हैं जिनमें से हाई कोलेस्ट्रोल, हाई ब्लडप्रेशर और मुंह से दुर्गंध होने जैसी समस्याएं प्रमुख हैं. सामान्य रूप से मुंह की दुर्गंध यानी गरिष्ठ खान-पान. लेकिन डायबिटीज भी इसका एक बड़ा कारण हो सकती है.
शोध बताते हैं कि दांत की एलविओलर हड्डी तथा पीरियोडेन्टल लिगामेंट्स मांसपेशियों से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं. ऐसे व्यक्ति जो डायबिटीज के मरीज हैं और उनका डायबिटीज स्तर नियंत्रण में नहीं होता है जिससे उनके पीरियोडेन्टल लिगामेंट्स कमजोर होने लगते हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि पीरियोडेन्टल लिगामेंट्स के कमजोर होने से दांतों के बीच एक खाली जगह बन जाती है और खाने के पश्चात खाने के कुछ अंश इन दांतों में रह जाते हैं जो इनको नुकसान पहुंचाते हैं. इसी कारण दांतों और मसूड़ों में जीवाणु पैदा हो जाते हैं और मुंह से दुर्गंध आने लगती है.
मुंह की दुर्गंध के अलावा व्यक्ति डायबिटीज के साथ-साथ पायरिया का भी शिकार हो सकता है. ऐसी स्थिति में दांत कमजोर होने शुरू हो जाते हैं और मसूड़ों में सूजन और तेज दर्द भी शुरू हो जाता है.
यही नही डायबिटीज के मरीजों को मुंह से संबंधित दूसरी समस्यायें भी होने लगती हैं, इसका प्रमुख कारण है दांतों के साथ मसूड़ों में संक्रमण होना.
यही वजह बाद में दांतों को जड़ से उखड़ने पर मजबूर करती है. डायबिटीज के रोगियों के दांतों का रंग भी बदल जाता है. ये काला या फिर गहरा भूरा हो जाता है. मसूड़ों में होने वाले छोटे-छोटे छिद्रों से बैक्टीरिया या अन्य संक्रमण भी हो सकता है, जो खून में मिल कर अन्य छोटी-छोटी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
अध्ययन कहता है कि डायबिटीज के मरीजों में शुगर से होने वाले अन्य रोग कितनी जल्दी होंगे, यह बात डायबिटीज के रोगियों के खून में उपस्थित शुगर की मात्रा पर निर्भर करती है. जिसके लिए अनुशासित व नियंत्रित दिनचर्या एवं खानपान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है.