सेब खाने से पहले फिर सोच लें
कहा जाता है कि रोजाना एक सेब खाने से डॉक्टर दूर रहेंगे यानी बिमारियों से छुटकारा. लेकिन फलों और सब्जियों में बढ़ते केमिकल के प्रयोग के चलते ये कहना अब मुश्किल है. हालात ऐसे हैं की सेब खाने से पहले आपको फिर सोचना पड़ सकता है. सेहत के लिए गुणकारी सेब लाल दिखे इसके लिए […]
कहा जाता है कि रोजाना एक सेब खाने से डॉक्टर दूर रहेंगे यानी बिमारियों से छुटकारा. लेकिन फलों और सब्जियों में बढ़ते केमिकल के प्रयोग के चलते ये कहना अब मुश्किल है. हालात ऐसे हैं की सेब खाने से पहले आपको फिर सोचना पड़ सकता है.
सेहत के लिए गुणकारी सेब लाल दिखे इसके लिए इसमें बेहद खतरनाक रंग व मोम की परत चढ़ाई जाती है जो आपकी सेहत बिगाड़ सकता है. इसके नियमित सेवन से आपका शरीर खतरनाक बीमारियों की चपेट ला सकता है.
सेब में विटामिन ए, बी व सी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं जो बीमारीयों के जोखिम को पूरी तरह कम कर देते हैं. लेकिन अब तक ये सेब का एक पहलू था, दूसरा पहलू जानलेवा है.
बाज़ार में मिलने वाला गहरे लाल रंग का सेब जानलेवा है. इसके ऊपर सफेद चिपचिपा पदार्थ इस सफाई से चिपका होता है कि इसे हाथों से छु कर महसूस भी नही किया जा सकता. अगर इसे चाकू से खुरच कर देखा जाए तो यह मोम की एक परत की तरह सेब के ऊपरी भाग से उतरनी शुरू हो जाती है.
इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि सेब पर यदि मोम की परत चढ़ी है तो यह नुक्सानदायक हो सकती है, इसलिए इसे हल्के गर्म पानी में धोकर खाएं. हालाकि ये सेब को सुरक्षित रखने के किया जाता है लेकिन इससे बिमारियों का भी खतरा रहता है.
चिकित्सक कहते हैं कि सेब पर चढ़ाए गए मोम में यदि कलर मिलाया गया है तो यह स्वास्थ्य के लिए निश्चित रूप से घातक है. इस मोम और रंग से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का डर रहता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि बिमारियों से बचने के लिए जरुरी है कि देख कर ही फल-सब्जियां खरीदी जाएं. इसके अलावा उन्हें घर लाकर गर्म पानी से धोया जाए. कई बार ऐसे पेस्टीसाइड केमिकल सब्जियों और फलों में पाए जाते हैं जो स्किन कैंसर, ब्लड कैंसर के भी कारण हो सकतें हैं.