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3डी प्रिंटिंग से संभव हुआ नर्व रीजेनरेशन

यदि कभी किसी दुर्घटना से नर्व डैमेज हो जाते हैैं, तो आमतौर पर शरीर खुद उसे रिपेयर नहीं कर पाता है. इसका सबसे अच्छा इलाज फिजिकल और ऑक्यूपेशनल थेरेपी से जीवनस्तर को बेहतर बनाना और नर्व डैमेज से आनेवाली समस्याओं में जीने की आदत डाल लेना है. हालांकि अब कुछ विधियाें की मदद से नर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2015 5:39 AM

यदि कभी किसी दुर्घटना से नर्व डैमेज हो जाते हैैं, तो आमतौर पर शरीर खुद उसे रिपेयर नहीं कर पाता है. इसका सबसे अच्छा इलाज फिजिकल और ऑक्यूपेशनल थेरेपी से जीवनस्तर को बेहतर बनाना और नर्व डैमेज से आनेवाली समस्याओं में जीने की आदत डाल लेना है. हालांकि अब कुछ विधियाें की मदद से नर्व का रीजेनरेशन संभव हो सका है. मगर ये उपाय कुछ ही मामलों में कारगर होते हैं. इसी कारण इस प्रक्रिया के उपयोग सीमित हैं.

इनमें से एक विधि में शरीर के स्वस्थ हिस्सों की मदद से नर्व के डैमेज हिस्से के लिए ग्राफ्ट तैयार कर दो नर्व के बीच में लगाया जाता है. दूसरी विधि में बायोकंपेटिबल मेटेरियल की मदद से कृत्रिम ब्रिज तैयार कर दो डैमेज नर्व के बीच में लगाया जाता है. इस तरीके में नर्व के सीधी अवस्था में रीजेनरेशन की संभावना कम होती है.

अब एक और बेहतर तरीका खोजा गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोट्टा, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी और जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक संयुक्त रूप से 3डी प्रिंटेड नर्व पर काम कर रहे हैं. पहले स्वस्थ व्यक्ति के नर्व को स्कैन किया गया और इसे प्रिंट किया गया. यह प्रयोग चूहे के पैरों पर किया गया और सफल रहा. 10-12 हफ्ते में चूहा चलने-फिरने लगा. अब इसका प्रयोग इनसानों पर किया जाना बाकी है.

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