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इन उपायों से कम होगा हॉट फ्लैश

डॉ मीना सामंत प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ कुर्जी होली फेमिली हॉस्पिटल, पटना मेनोपॉज के लक्षणों में सबसे प्रमुख है हॉटफ्लैश. यह समस्या मेनोपॉज के बाद हॉर्मोन की कमी के कारण होती है. इसमें अचानक तेज गरमी का एहसास होता है. कई अन्य समस्याएं भी होती हैं. जीवनशैली में कुछ उपायों को अपना कर इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2015 5:47 AM
डॉ मीना सामंत
प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ कुर्जी होली फेमिली हॉस्पिटल, पटना
मेनोपॉज के लक्षणों में सबसे प्रमुख है हॉटफ्लैश. यह समस्या मेनोपॉज के बाद हॉर्मोन की कमी के कारण होती है. इसमें अचानक तेज गरमी का एहसास होता है. कई अन्य समस्याएं भी होती हैं. जीवनशैली में कुछ उपायों को अपना कर इस समस्या को कम किया जा सकता है. इन उपायों के बारे में बता रही हैं
मेनोपॉज के बाद कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे-बार-बार मूड का बदलना, हड्डियों का कमजोर होना और त्वचा संबंधी समस्याएं. मेनोपॉज के लक्षणों में सबसे प्रमुख है हॉट फ्लैश. इसमें अचानक तेज गरमी के साथ पसीना आता है. तेज थकान भी महसूस हो सकती है. चूंकि यह समस्या हॉर्मोन की कमी के कारण होती है, अत: इसमें आप कुछ कर नहीं सकती हैं. हालांकि हॉर्मोन थेरेपी दी जा सकती है लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट भी होते हैं. इस कारण यह सभी नहीं दी जा सकती है. कुछ प्रमुख उपायों को अपना कर आप हॉट फ्लैश की समस्या से बच सकती हैं.
सही खाएं : चूंकि यह समस्या एस्ट्रोजेन हॉर्मोन की कमी से होती है इसलिए ऐसे आहार लेने से फायदा हो सकता है, जो शरीर में एस्ट्रोजेन हॉर्मोन के लेवल को बढ़ाने में सहायक होते हैं. सोयाबीन, तीसी, मटर और फलों के सेवन से इस हॉर्मोन के लेवल में वृद्धि होती है. हालांकि ये आहार शरीर में बननेवाले हॉर्मोन का विकल्प नहीं हैं, लेकिन हॉट फ्लैश की समस्या को घटाते हैं. दालों में फाइटोएस्ट्रोजेन और आइसोफ्लेवेन्स होते हैं जो शरीर में एस्ट्रोजेन रिसेप्टर को बांधने का काम करते हैं, जिससे एस्ट्रोजेन लेवल में वृद्धि होती है.
कैफीन को कहें ना : यदि आप आहार सही ले रहे हैं, तो कैफीन अधिक लेने की भूल कभी न करें. अन्यथा यह आहार में किये गये सारे परिवर्तनों पर पानी फेर देगा. कॉफी और अल्कोहल हॉट फ्लैश को बढ़ाने का कार्य करते हैं. इसके अलावा कॉफी हड्डियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है.
व्यायाम : मेनोपॉज में हॉर्मोन में बदलाव के कारण वजन बढ़ता है, जो सामान्य है. फैट बढ़ने से भी शरीर का तापमान बढ़ता है. तनाव की अवस्था में त्वचा के समीप में अधिक रक्त का प्रवाह होता है. इस कारण भी हॉट फ्लैश का अनुभव होता है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया में हुए एक रिसर्च में पता चला है कि जो महिलाएं रोज व्यायाम करती हैं उन्हें हॉट फ्लैश का खतरा कम होता है.
विटामिन सप्लीमेंट : मेनोपॉज के दौरान विटामिन इ लेने से काफी लाभ होता है. विटामिन इ में कई एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बालों और त्वचा के लिए बेहतर हैं. एक रिसर्च के अनुसार जिन महिलाओं ने विटामिन इ का सेवन किया उनमें हॉट फ्लैश के लक्षण कम देखने को मिले.
ढीले कपड़े पहनें : इस अवस्था में सही कपड़ों का चुनाव करना बहुत ही जरूरी है. टाइट कपड़े पहनने से पसीना जल्दी आता है, िजस कारण यह समस्या और बढ़ सकती है. अत: जहां तक संभव हो, ढीले औ सुती कपड़ों को प्राथमिकता दें.

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