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फ्लू से बचाएगा केला: रिसर्च

पोटैशियम से भरपूर केला न सिर्फ शरीर के मेटाबोलिज्म को दुरुस्त रखता है बल्कि ये फ्लू से भी बचाता है. हालिया हुए एक शोध ने इस बात का दावा किया है कि बुखार, सर-दर्द और जुकाम से लाल होती नाक के लिए केला फायदेमंद है. विंटर बैग से बचने के लिए कई वर्षों से किये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2015 11:24 PM

पोटैशियम से भरपूर केला न सिर्फ शरीर के मेटाबोलिज्म को दुरुस्त रखता है बल्कि ये फ्लू से भी बचाता है. हालिया हुए एक शोध ने इस बात का दावा किया है कि बुखार, सर-दर्द और जुकाम से लाल होती नाक के लिए केला फायदेमंद है.

विंटर बैग से बचने के लिए कई वर्षों से किये जा रहे अध्ययन के अंतर्गत एक शोध किया गया जिसमें केले के आश्चर्यजनक लाभ सामने आए हैं.

वैज्ञानिकों का मानना है कि केला एक ऐसा फल है जिसका प्रयोग इबोला, हेपेटाइटिस सी, सार्स और एचआईवी जैसे जटिल रोगों के लिए किया जा सकता है. इस प्रयोग में केले द्वारा बनाए गए रसायन को ‘बनाना लेक्टिन या बनलेक का नाम दिया गया है.

यह रसायन ऐसा बायोलोजिकल बैरियर बनेगा जो किसी भी बाहरी वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोकेगा.

यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन मेडिकल स्कूल के डॉ. डेविड का कहना है कि हम इस खोज को लेकर बेहद उत्साहित हैं क्योंकि ये बनलेक रसायन बड़े पैमाने पर एंटीवायरल स्पेक्ट्रम का विकास करेगा जो कई बड़ी बिमारियों का इलाज करने में सहयोगी बनेगा.

डॉ. डेविड ने कहा, बनलेक दुनिया के सबसे घातक वायरस से लड़ सकता है क्योंकि यह मीठा होता है जो शुगर का प्रतिक है. चूंकि वायरस मीठे से आकर्षित होते हैं इसलिए यह चमत्कारिक रूप से एंटीवायरल की तरह शरीर को कवर कर बिमारियों से बचायेगा.

विज्ञानिकों का दावा है कि केला इबोला, सार्स, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी के वायरसों से शरीर की रक्षा करेगा.

विज्ञानिकों ने इसे चिकित्सीय चमत्कार कहा है और भविष्य में इसके बेहतरीन परिणाम आने की उम्मीद जताई है.

यह अध्ययन सेल पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

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