आपकी त्वचा देती है संकेत कि आप टेंशन में हैं

जैसे दिल और दिमाग का एक-दूसरे से संबध है वैसे ही स्किन और टेंशन के बीच गहरा संबध होता है. अगर आप अंदर से परेशान हैं, टेंशन में हैं, तो इसका सीधा असर आपकी त्वचा की रंगत पर नजर आने लगता है. यह आपकी त्‍वचा पर टेंशन की वजह से होता है जिसके कई बड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2015 11:53 PM

जैसे दिल और दिमाग का एक-दूसरे से संबध है वैसे ही स्किन और टेंशन के बीच गहरा संबध होता है. अगर आप अंदर से परेशान हैं, टेंशन में हैं, तो इसका सीधा असर आपकी त्वचा की रंगत पर नजर आने लगता है. यह आपकी त्‍वचा पर टेंशन की वजह से होता है जिसके कई बड़े नकारात्‍मक प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं.

अपनों की परेशानी कई बार उनके चहरे पर साफ़ नजर आने लगती है. जबकि बुजुर्गों में टेंशन की वजह से कई बार जान का खतरा तक देखने को मिलता है. हम सभी चिंता, तनाव, टेंशन को अपने ऊपर इस कद्र हावी होने देते हैं कि बीमार हो जाते है. बहुत से लोग इस बात को छुपाना चाहते हैं कि उन्हें टेंशन है या उन्हें किसी बात का गहरा तनाव है लेकिन उनकी त्वचा उनके सारे राज खोल ही देती है. लेकिन कैसे? आइए जानते हैं कैसे त्वचा देती हैं टेंशन में होने पर संकेत…

टेंशन और सेहत

टेंशन सेहत के लिए सही नहीं. टेंशन आपके चहरे के तेज़ को छीन लेता है. माथे पर लकीरें उभर आती हैं और आप बुझे-बुझे से दिखाई देने लगते हैं. सोचिए यदि आपको इन्टरव्यू देना हो और आप किसी बात से गहरे टेंशन में हों तो आपका इम्प्रेशन कैसा पड़ेगा? टेंशन के कारण आपकी त्वचा की चमक खो जाती है. तनाव दिल की धड़कन को बढ़ा देता है, जो शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करती है. तनाव के कारण नींद नहीं आती, चेहरे पर शिकन, रैशेज आदि की समस्‍या होने लगती है.

पिम्पल्स का होना

हालाकि महिलाओं को पिम्पल्स पीरियड्स के दौरान भी निकलते हैं लेकिन इसमें भी यदि महिलाएं टेंशन में हैं तो उन्हें पीरियड्स के दौरान ज्यादा तकलीफ होती है. पुरुषों में टेंशन होने पर कई बार मुंहासे पीठ, चेस्ट पर भी आ जाते हैं. दरअसल, टेंशन शरीर में कार्बोंहाइड्रेट की मात्रा को बढ़ा देता है जिससे इंसुलिन प्रभावित हो जाता है और ये मुंहासें बढ़ने का एक बढ़ा कारण बन जाते हैं.

सिरोसिस और एलर्जी होना

अगर आपकी त्वचा सूखी है और इसमें एलर्जी और सिरोसिस या रोसासिया होने की प्रकृति है तो टेंशन आपके लिए बहुत नुकसानदेह है. सिरोसिस त्वचा की कोशिकाओं को इकठ्ठा कर चकत्ते बना देती है. कई बार इसमें जलन और तेज खुजली होती है जिसके बाद खून का रिसाव भी हो सकता है. यह समस्या टेंशन के बढ़ने और बढ़ जाती है. यही कारण है कि सिरोसिस से पीड़ित लोगों को टेंशन से ज्यादा समस्या हो जाती है. टेंशन रोसासिया को भी बढ़ाने वाला होता है. इससे नाक, गले और ठोंढ़ी के पास लाल रंग के चकत्तें बढ़ जाते है. यह कई बार बेहद तकलीफदेह भी हो जाता है.

स्किन और बालों पर असर

आप अपनी स्किन का अच्छा ख्याल रखते हैं लेकिन टेंशन आपके दिमाग से त्वचा का ख्याल भी मिटाता देता है. आप अपनी त्वचा की अनदेखी करने लगते है. न सिर्फ त्वचा बल्कि बालों का भी यही हाल होता है. टेंशन के कारण आप स्वास्थ आहार भी नहीं लेते जो आपकी त्वचा की प्रकृति को खराब कर देते है. साथ ही इसकी नमी भी खो जाती है और बाल रूखे हो कर झड़ने लगते हैं.

टेंशन नींद की दुश्मन

टेंशन होने पर सबसे ज्यादा असर आपकी नींद पर पड़ता है. लम्बे समय से चली आ रही आपकी टेंशन आपको सोने नही देती और दिन भर काम में भी मन नहीं लगाने देती जिसके कारण आप ऑफिस में डांट खाते हैं और न सोने से बीमार हो जाते हैं. गहरी चिंता आपको नींद ले लेती हैं जिसके बाद सर-दर्द, माइग्रेन होना शुरू हो जाता है. कई बार ये स्वास्थ्य के लिए खरते की घंटी ही साबित होती है.

टेंशन को योग, एक्सरसाइज, घूमने-फिरने से और मैडिटेशन द्वारा दूर किया जा सकता है. त्वचा के नुकसान, बिमारियों से बचने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए टेंशन से दूर होन जरुरी है.

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