क्यों समझते हैं खुद को अकेला?
हर तरफ ख़ुशी और त्यौहारों का माहोल है लेकिन आप दुखी हैं और उदास मन के साथ खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं. अक्सर मन की गहरायी में उदासी जा कर बैठ जाती है जिसे हटाना मुश्किल होता है लेकिन न मुमकिन नहीं! कई लोगों को तो भीड़ में होने के बावजूद भी अकेलापन […]
हर तरफ ख़ुशी और त्यौहारों का माहोल है लेकिन आप दुखी हैं और उदास मन के साथ खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं. अक्सर मन की गहरायी में उदासी जा कर बैठ जाती है जिसे हटाना मुश्किल होता है लेकिन न मुमकिन नहीं!
कई लोगों को तो भीड़ में होने के बावजूद भी अकेलापन महसूस होता है, यह एक समस्या है, लेकिन इससे निपटा जा सकता है तो आइए दूर करें अपना अकेलापन कुछ इस तरह…
मन की ख़ामोशी जो अकेलापन बढ़ाती है.
व्यक्ति के साथ हुए कुछ हादसे उसे खामोश और अकेला कर देते हैं जिस वजह से वह सबके होते हुए भी अकेला महसूस करता है और अपने अकेलेपन से जूझता रहता है. इससे बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है बच्चों का साथ लेना. जी हाँ, अपने अकेलेपन को बच्चों के साथ दूर करिए. किसी प्राइमरी स्कूल या किडजी जैसे किड्स गार्डन को ज्वाइन करें या अनाथालय जाएं और बच्चों को अपना समय दें. बच्चों की मासूमियत आपको आपके अकेलेपन से दूर ले जाएगी.
विश्वास करना न छोड़े
अक्सर एक बार ब्रेकअप या विश्वासघात हो जाने के बाद आमतौर पर हम लोगों को एक दूसरा मौका देने के खिलाफ से हो जाते हैं. ऐसी किसी घटना के बाद लड़कियों को लगता है कि सभी लड़के एक से होते हैं, वहीं लड़के मानने लगते हैं कि सभी लडकियां स्वार्थी और मौकापरस्त होती हैं और फिर इस मानसिकता के चलते लोगों से मिलने व नए संबंध बनाने से बचने की आदत डाल लेते हैं लेकिन हमें समझना होगा कि पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती, और सभी लोग एक जैसे नहीं होते इसलिए विशवास न खोएं और विश्वास रखें.
डरना छोड़ दें.
एक बार यदि कोई घटना हो गई तो वही दौबारा हो ये मुमकिन नहीं इस बात पर यकीन रखें. हर बार एक जैसी परिस्थतियां नहीं होती न होंगी ही इसलिए डरना छोड़ दें और अपने आत्मविश्वास को जाग्रत करें. नए दोस्त बनाएं, नये हुनर पैदा करें. खुद को एक और मौका दें.
तानों से न पीछे हटें
दुनिया का दस्तूर है आलोचना और ताने लोग देंगे ही लेकिन अच्छाई पर उंगली उठती ही है और अच्छा करने वाले, सोचने वाले और आगे बढ़ने वाले को ये सब सहन करना ही पड़ता है…बस यही सोच कर आगे बढ़े. विश्वास रखें जीत आपकी ही होगी.
सबसे मिलें, दिल खोल कर मिले और खुश रहें
सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए घुलना-मिलना जरुरी है. कब तक सबसे छुप कर अंधेरे कोनों में छिपे रहना! बाहर आएं, खुद से पहल करें, आगे बढ़े उम्मीदें और नई राहे आपका स्वागत कर रही हैं. सबसे मिलें. अपनी मर्ज़ी से जिए. नए काम तलाशें खुश रहें और अकेलेपन को भूल जाएं.
खुद को प्यार करने लगे और अकेलेपन को हमेशा के लिए भूल कर खुश रहें.