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आहार जो बचाए अर्थराइटिस से

गठिया जोड़ों की है बीमारी जिसे चिकित्सकीय भाषा में अर्थराइटिस कहा जाता है. अर्थराइटिस की शिकायत होने पर चलने में तकलीफ, उठने-बैठने, सीड़ियाँ चढ़ने में दिक्कत और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है. हालांकि यह बीमारी उम्रदराज लोगों को होती है, लेकिन बदली हुई लाइफस्‍टाइल के कारण इसकी चपेट में वर्तमान में युवा भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2015 1:44 AM

गठिया जोड़ों की है बीमारी जिसे चिकित्सकीय भाषा में अर्थराइटिस कहा जाता है. अर्थराइटिस की शिकायत होने पर चलने में तकलीफ, उठने-बैठने, सीड़ियाँ चढ़ने में दिक्कत और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है. हालांकि यह बीमारी उम्रदराज लोगों को होती है, लेकिन बदली हुई लाइफस्‍टाइल के कारण इसकी चपेट में वर्तमान में युवा भी आ रहे हैं.

अर्थराइटिस का दर्द इतना तीव्र होता है कि घुटनों और जॉइंट्स को मोड़ने में भी बहुत दर्द होता है लेकिन क्या आप जानते हैं? कुछ ऐसे खाद्य प‍दार्थ भी हैं जिनके सेवन से अर्थराइटिस का दर्द कम हो सकता है! अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर आप इस समस्‍या से बच सकते हैं.

आइए जाने वो आहार क्या हैं…

-अपने आहार में लहसुन को शामिल करें ये रक्त शुद्ध करता है. अर्थराइटिस के कारण रक्त में यूरिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है. लहसुन के रस के प्रभाव से यूरिक एसिड गलकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है.

अजमोद एक मूत्रवर्धक है, जो किडनी की सफाई के लिए जाना जाता है. किडनी में मौजूद व्यर्थ पदार्थों को बाहर निकाल कर यह आपको स्वस्थ रखता है. अजमोद गठिया से ग्रस्त मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है. गाउट के हमले में दर्द को कम करने के लिए अजमोद का रस प्रभावी तरीका हो सकता है.

अदरक ठंड के मौसम के दौरान जोड़ों के दर्द का अनुभव करने वाले अधिक संवेदनशील लोगों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है. अदरक रक्त प्रवाह और परिसंचरण में सुधार करता है. जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को हर रोज 200ग्राम अदरक दो बार लेने से दर्द में बहुत राहत मिलती है. इसका सेवन सब्जी, सूप या अन्य चीजों में मिलाकर भी कर सकते हैं.

-अर्थराइटिस में गर्म चीजों का सेवन अधिक करना जरुरी हैं, खास कर चाय का. चाय के लिए कैमोमाइल टी सबसे ज्‍यादा फायदेमंद मानी जाती है. इसमें मौजूद एंटी इंफेल्‍मेटेरी तत्‍व अर्थराइटिस के इलाज में फायदेमंद है. इसे आप चाय की तरह या खाने के तौर पर ले सकते हैं. यह जोड़ो में यूरिक एसिड बनने से रोकता है.

-उम्र बढ़ने पर पाचन की क्षमता कम और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है. ऐसे में सेब साइडर सिरका बहुत मददगार होता है. सेब साइडर सिरका आपके शरीर को अधिक क्षारीय बनाने में मददकर जोड़ों के दर्द को कम करता है साथ ही सेब साइडर सिरका आपके पाचन में सुधार करता है, विशेष रूप से प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को बेहतर तरीके से पचाता है.

इसके अलावा टमाटर, डेयरी प्रोडक्ट, खट्टे फल, मछली, मीठे पदार्थ, अल्कोहल का सेवन न करें.

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