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पालतू जानवरों से रहें सावधान!

क्या आपने सोचा है कि आपके पालतू जानवर भी आपकी बीमारी का कारण हो सकतें हैं! और यह बीमारी आपकी जान भी ले सकती है! पिछले कुछ समय से लेप्टोस्पोरोसिस नामक वायरस तेज़ी से फेल रहा है जिसका मुख्य कारण जानवर हैं. खास कर मादा जानवर. अपने घरो में पाले जाने वाले जानवरों में कुत्ते, […]

क्या आपने सोचा है कि आपके पालतू जानवर भी आपकी बीमारी का कारण हो सकतें हैं! और यह बीमारी आपकी जान भी ले सकती है!

पिछले कुछ समय से लेप्टोस्पोरोसिस नामक वायरस तेज़ी से फेल रहा है जिसका मुख्य कारण जानवर हैं. खास कर मादा जानवर. अपने घरो में पाले जाने वाले जानवरों में कुत्ते, बिल्ली, गाय, भेंस, सफेद चूहे, गिलहरी, सुअर आदि से इस वायरस के फैलने की संभावना होती है.

लेप्टोस्पोरोसिस वायरस जानवरों के मल-मूत्र से फैलता है. ये वायरस इंसान के शरीर में संक्रमित पानी पीने से, संक्रमित खाना खाने, आंख, मुंह और नाक के साथ चोट लगे हुए अंग पर तेज़ी से फैलता है. जब त्वचा संक्रमित मिट्टी के संपर्क में आती है तब यह शरीर को सीधे प्रभावित कर सकता है.

ये वायरस उन लोगों को ख़ास प्रभावित करता है जो जानवरों को पालते हैं, जानवरों के विक्रेता, खेत में काम करने वाले, जानवरों के डाक्टर, सफाई कर्मचारी और जानवरों की देखभाल करने वाले केयर टेकर होते हैं.

इस रोग के लक्षण पता चलने पर जरुरी है कि खून की जांच करा ली जाए ताकि इसका उपचार तुरंत लिया जा सके. लेप्टोस्पोरोसिस वायरस के इलाज के दौरान भी मरीज की मौत का खतरा हो सकता है इसलिए ये बेहद जरुरी है कि इस वायरस की जानकारी हो ताकि इसका समय पर इलाज हो सके.

लेप्टोस्पोरोसिस वायरस के लक्षण

-आंख, नाक से पानी निकलना

-सिरदर्द

-आंखों का लाल होना और दर्द रहना

-बुखार आना, उल्टी होना, ठंड लगना

-गर्दन में जकडन और दर्द

-पैरों में दर्द रहना, पेट में दर्द होना

यह रोग सीधे किडनी और लीवर को प्रभावित करता है. इस बात की भी संभावना बनी रहती है कि लेप्टोस्पोरोसिस वायरस अन्दुरुनी ब्लीडिंग के कारण मरीज की जान भी ले लेता है.

लेप्टोस्पोरोसिस वायरस बचने के उपाय

-गंदे पानी में व कीचड़ में पैर न रखें. पैरों की उंगलियों के बीच साफ कपड़े से सफाई करें.

– पालतू कुत्तों को बाहर ले जाते समय ध्यान रखें कि वह बाहर के कुत्तों के मल-मूत्र से दूर रहे, यदि वो उसे चाटे तो उसका ब्लड टेस्ट करा लें.

-घर के पालतू जानवरों को अपने खाने-पीने से अलग रखें और उनके बर्तनों को भी.

– बाहर से आने पर साबुन से अच्छे से हाथ और पैरों को धोएं.

-जूतों और चप्पलों को भी साफ कपड़े से साफ करके ही पहनें.

-यदि चोट व खरोच लग गई हो तो उसे अच्छे से साफ करके दावा लगाएं, बेहतर होगा की घर के जानवर से इसे दूर रखे और खुला न छोड़ें.

लेप्टोस्पोरोसिस के लक्षणों का पता चलते ही खून की जांच करा लें ताकि जल्द इलाज हो सके. घर के जानवरों को भी ये वायरस लग सकता है इसलिए उनका भी टेस्ट करा लें.

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