23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हेल्दी फूड भी है सनक

हेल्दी फूड लेना लाभदायक होता है लेकिन हर वक़्त हेल्दी खाने का जूनून भी एक बीमारी बन जाती है. यह एक तरह की सनक होती है जिसे ओर्थोरेक्सिया कहा जाता है. ओर्थोरेक्सिया को खाने की सनक के नाम दिया गया है जिसमें ओर्थोस यानी "उचित" और ओरेक्सिया का अर्थ है "भूख" है. अक्सर लोग अपना […]

हेल्दी फूड लेना लाभदायक होता है लेकिन हर वक़्त हेल्दी खाने का जूनून भी एक बीमारी बन जाती है. यह एक तरह की सनक होती है जिसे ओर्थोरेक्सिया कहा जाता है.

ओर्थोरेक्सिया को खाने की सनक के नाम दिया गया है जिसमें ओर्थोस यानी "उचित" और ओरेक्सिया का अर्थ है "भूख" है. अक्सर लोग अपना खानपान बड़ी सावधानी से तय करते हैं स्थिति जब परफेक्शन की हद पार करने लगे तो समझ जाएं कि आदमी ओर्थोरेक्सिया से पीडित माना जाता है.

ऐसे पहचाने ओर्थोरेक्सिया को…

कुछ लोग जिन्हें किसी भी खाद्य पदार्थ में कृत्रिम रंग, स्वाद, प्रिजर्वेटिव्स, पेस्टीसाइड्स, जेनेटिकली मोडीफाइड इंग्रीडिएंट, अनहैल्दी फैट आदि महसूस होने लगे तो वे लोग भूखे रह लेते हैं लेकिन खाते नहीं हैं.

ऐसे लोग ओर्थोरेक्सिया के मरीज मने जाते हैं. ऐसे लोग आमतौर पर अपनी डाइट से डेयरी उत्पाद, नॉनवेज, ग्लूटेन युक्त चीजें जैसे ब्रेड, पास्ता आदि पूरी तरह हटा देते हैं.

ऐसे लोग हमेशा बिल्कुल शुद्ध, ऑर्गेनिक भोजन पर जोर देते हैं और खुद को न्यूट्रीशन विशेषज्ञ मानने लगते हैं. जिसका खामियाजा इन्हें अक्सर पोषक तत्वों की कमी के रूप में चुकाना पड़ता है.

ओर्थोरेक्सिया के मरीज अपनी जिंदगी और दिनचर्या को पूरी तरह डाइट के आधार पर तय करने लगते हैं. ये शादी-विवाह, किसी के घर या रेस्तरां में परिजनों, रिश्तेदारों और मित्रों के साथ भोजन नहीं करते और इस तरह के व्यवहार से यह समाजिक रूप से अलग-थलग पड़ने लगते हैं. इन्हें दूसरों के द्वारा बनाया भोजन खतरनाक लगता है.

कैसे हो इनका इलाज…

ऐसे लोगों को मनोचिकित्सक एवं न्यूट्रीशन विशेषज्ञ की देखरेख में खान-पान सम्बंधी पोषण का महत्व बताना जरुरी हो जाता है. साथ ही इन्हें कच्चे फल सब्जियों के साथ पके भोजन, वसा आदि के गुणों से अवगत कराया जाता है. कुल मिला कर कह सकते हैं कि ऐसे लोगों की काउंसिलिंग की जाती है ताकि यह लोग सभी प्रकार का खाना खा सकें.

इन्हें समझाएं बैलेंस डाइट के बारे में…

हेल्दी फूड का मतलब सिर्फ सेहतमंद खाने से नहीं बल्कि पौषक तत्वों को ध्यान में रखकर लिए जाने वाले संतुलित आहार से है जिसमें मिनरल्स, विटामिन, कार्बोहाइडे्रट, प्रोटीन, वसा आदि शामिल होता है. इन तत्वों में से किसी एक की भी कमी होने पर हमें रोग होने लगते हैं क्योंकि इनके अभाव में रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें