जजमेंटल होना ठीक नहीं
कभी पहली ही मुलाकात में हम किसी के करीब आ जाते हैं और कभी कई मुलाकातों के बाद भी उसे समझ नही पाते, ऐसा होना स्वाभाविक है लेकिन यदि आप किसी दुसरे के कहने भर से किसी व्यक्ति के बारे में अपनी राय बना लेते हैं, तो यह गलत है. किसी व्यक्ति को बिना जाने […]
कभी पहली ही मुलाकात में हम किसी के करीब आ जाते हैं और कभी कई मुलाकातों के बाद भी उसे समझ नही पाते, ऐसा होना स्वाभाविक है लेकिन यदि आप किसी दुसरे के कहने भर से किसी व्यक्ति के बारे में अपनी राय बना लेते हैं, तो यह गलत है. किसी व्यक्ति को बिना जाने उसके बारे में राय बना लेना आपको जजमेंटल बना देता है.
बिना जाने किसी के बारे में राय बना लेना वैसे ही है जैसे बिना खाए ही खाने की बुराई कर देना. ऐसा व्यवहार आपसी रिश्तों में तो कटुता लाता ही है साथ ही आपके सामाजिक परिवेश को धीरे-धीरे खत्म करता जाता है. आइए जाने कैसे कुछ बातों को ध्यान रख, जजमेंटल होने से बचा जा सकता है.
-इस बात का ख्याल रखें कि आप किसी को जज करने का कोई हक नहीं रखते हैं. किसी के बारे में राय बनाने से पहले यह सोचें की उसने आपके साथ क्या किया. सिर्फ दूसरों के अनुभवों को अपनी राय का आधार न बनाएं.
– किसी दूसरे की बताई बातों पर यकीन न करें हो सकता है कि आप जो जानते हैं वो पूरा सच न हो, और आप उसकी परेशानियां और सीमाओं के बारे में न जानते हों. बेहतर तो ये होगा कि अपनी राय से पहले, उस व्यक्ति को जान लें.
-हम सभी जानते हैं कि सभी एक से नहीं होते और न ही हर किसी की परिस्थतियाँ एक जैसी होती हैं. ऐसे में किसी अनजान व्यक्ति के किये गए कार्य को समझने की कोशिश करें कि हम सभी की जरूरतें और परेशानियां अलग हैं. हम सभी एक से नहीं है.
-हम सभी साधारण मनुष्य हैं और ये मान कर चलते हैं कि कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता.
अधिकतर पर्फेक्शनिस्ट्स उनसे मिलने वाले हर व्यक्ति को जज करते हैं. वे अपनी गलतियों को तो स्वीकार नहीं करते लेकिन बाकी लोगों की खामियां निकालने में लगे रहते हैं. लेकिन यह समझना बेहद जरूरी है कि कोई भी परफेक्ट नहीं होता है और हम सभी कभी न कभी गलतियां करते ही हैं. तो किसी की आलोचना करने से पहले एक बार ये जरूर सोचें कि क्या आप सही कर रहे हैं. हो सकता है उस व्यक्ति का यह काम करने के पीछे कोई कारण रहा हो.
व्यक्ति का स्वभाव, उसका रहन-सहन और उसका लाइफस्टाइल उसके परिवार के अनुरूप होता है इसलिए किसी के बारे में बोलने और राय बनाने से पहले उसके बारे में जान लें. कहीं ऐसा न हो की बाद में आपको खुद अपने किये और अपने कहे पर पछतावा हो.