योग स्वस्थ रहने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है. घंटों तक जिम में कसरत करने से कहीं बेहतर है कि खुले वातावरण में योग किया जाए. योग न सिर्फ तन-मन को स्वस्थ रखता है बल्कि यह कई जटिल बिमारियों से भी बचाता है.
यूं तो योग के कई आसन हैं जो बिमारियों को दूर करते हैं लेकिन एक खास आसन हैं जो एक साथ कई बीमारयों को दूर करने में सहायक है. ये है, वक्रासन. वक्रासन बैठकर करने वाले आसनों के अंतर्गत आता है. इस आसन से मेरुदंड सीधा होता है. आइए जाने क्या है इस आसन को करने का तरीका और इसके लाभ…
यूं करे वक्रासन
इसे करने के लिए दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं. फिर दोनों हाथ बगल में रखें, आपकी कमर सीधी और निगाह सामने की तरफ होनी चाहिए. दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर लाएं और ठीक बाएं पैर के घुटने की सीध में रखें. उसके बाद दाएं हाथ को पीछे ले जाएं, यह मेरुदंड के समांतर होना चाहिए. कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद बाएं पैर को घुटने से मोड़कर यह आसन करें. इसके बाद बाएं हाथ को दाहिने पैर के घुटने के ऊपर से क्रॉस करके जमीन के ऊपर रखें. फिर गर्दन को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाते जाएं. ज्यादा से ज्यादा पीछे की ओर देखने की कोशिश करें.
क्यों है जरूरी वक्रासन
वक्रासन करने से लीवर, किडनी, पेनक्रियाज प्रभावित होते हैं जिसके कारण यह अंग निरोगी रहते हैं. इसे नियमित रूप से करने से स्पाइनल कार्ड मजबूत होती है. हर्निया के रोगियों को भी इस आसन से लाभ मिलता है.
लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखें
दाएं पैर को जब घुटने से मोड़कर लाएं तो बायां पैर घुटने की सीध में होना रखें. पीछे रखा गया हाथ कोहनी से सीधा रखते हुए मेरुदंड से 6 से 9 इंच के बीच में ही रखें.
इस आसन को करने से पहले पेट और कमर के रोगी योग चिकित्सक की सलाह लें, नहीं तो उनको समस्या हो सकती है.