दीवाली में कभी-कभी न चाहते हुए भी तेज आवाजवाले पटाखों से सामना हो जाता है. पटाखा यदि नजदीक में फटता है, तो कान का परदा फट सकता है. अकसर इस समय ऐसी घटनाएं होती हैं. कभी-कभी तेज आवाज से कान के अंदरूनी नसों को भी क्षति पहुंचती है.
यदि कान का परदा फटता है, तो उसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन यदि नसों को क्षति पहुंचती है, तो उसे रिकवर नहीं किया जा सकता है. यह क्षति स्थायी होती है और व्यक्ति सुनने की क्षमता हमेशा के लिए खो देता है. अत: पटाखे की तेज आवाज के बाद लगातार काफी देर तक सीटी जैसी आवाज आने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. बच्चों के कान काफी सॉफ्ट होते हैं अत: उन्हें विशेष रूप से बचाव की जरूरत होती है.
तेज आवाज से बचने के लिए इयर मास्क का सहारा लिया जा सकता है. कुछ लोगों को तेज आवाज से चक्कर आने की भी समस्या होती है. वे भी इयर मास्क का सहारा ले सकते हैं. नाक बहुत ही सेंसिटिव होती है. ऐसे में यदि पटाखे का धुआं नाक में चला जाये, तो सांस लेने में प्रॉब्लम हो सकती है. कभी-कभी आवाज में भी परेशानी हो सकती है. यदि समस्या काफी देर तक रहे, तो व्यक्ति को पानी पिलाएं आवाज को रेस्ट देने के लिए कहें. फिर भी समस्या दूर न हो, तो डॉक्टर के पास जाएं.
डॉ क्रांति भावना
असिस्टेंट प्रोफेसर इएनटी, एम्स, पटना