16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नुकसानदेह कौन… कॉफी और डाइट सॉफ़्ट ड्रिंक?

किसी भी चीज़ अधिकता हमेशा खतरनाक होती है फिर वो कॉफी हो या डाइट सॉफ़्ट ड्रिंक! इन में मौजूद स्वीटनर से कैंसर होने का खतरा हो सकता है. हालिया हुए अध्ययनों के बाद विशेषज्ञों ने इस बात को स्पष्ट किया है कि डाइट सॉफ्ट ड्रिंक, कॉफ़ी के मुकाबले अधिक नुकसानदेह है और इससे कैंसर होने […]

किसी भी चीज़ अधिकता हमेशा खतरनाक होती है फिर वो कॉफी हो या डाइट सॉफ़्ट ड्रिंक! इन में मौजूद स्वीटनर से कैंसर होने का खतरा हो सकता है.

हालिया हुए अध्ययनों के बाद विशेषज्ञों ने इस बात को स्पष्ट किया है कि डाइट सॉफ्ट ड्रिंक, कॉफ़ी के मुकाबले अधिक नुकसानदेह है और इससे कैंसर होने की संभानाएं बनी रहती हैं. आइए जाने कैसे?

2012 में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिनने 13 साल के दौरान क़रीब चार लाख लोगों के स्वास्थ्य पर आधारित रिपोर्ट प्रकाशित की. इसमें वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग रोज़ाना तीन से छह कप कॉफी पी रहे थे उनमें इन 13 सालों के दौरान मरने की आशंका 10 फ़ीसदी कम हो गई. इतना ही नहीं, इससे दिल का दौरा और हृदय की दूसरी बीमारियों के अलावा स्ट्रोक, डायबिटीज़ और संक्रमण का ख़तरा कम हो जाता है.

2014 में क़रीब दस लाख लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जारी अध्ययन में भी यही अंदाज़ा मिला.

इसमें कहा गया कि कॉफी नहीं पीने वालों की तुलना में रोज़ाना चार कप कॉफी पीने वालों में मरने का ख़तरा 16 फ़ीसदी कम होता है.

हालांकि यह सब केवल विश्लेषणात्मक शोध ही है. अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि कॉफी हमारे दिल की सुरक्षा करती है या कोई और वजह है जो मालूम नहीं है.

मुमकिन है कि स्वस्थ लोग कॉफी के प्रति कहीं ज़्यादा आकर्षित होते हों लेकिन अगर आपको कॉफी की लत पड़ जाए तो भी वह हानिकारक नहीं है.

कॉफी अमृत भले नहीं हो लेकिन सुबह-सुबह आप आराम से कॉफी पीने का आनंद तो ले सकते हैं.

वही डाइट सॉफ्ट ड्रिंक्स के बारे में यह माना जाता रहा है कि इसमें मौजूद कृत्रिम चीनी से कैंसर का ख़तरा बढ़ता है.

दरअसल, डाइट सॉफ्ट ड्रिंक्स में ज़्यादा चीनी होती है जो मोटापा, डायबिटीज़ और हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को बढ़ाती है.

यह धारणा है कि यह ड्रिंक्स ट्यूमर बढ़ाते हैं. लेकिन अमरीका के नैशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में हुए शोध के अनुसार, कृत्रिम चीनी के तौर पर सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले एसपारटेम के इस्तेमाल से ना तो ब्रेन कैंसर का ख़तरा बढ़ता है और न ल्यूकेमिया और न ही लिंफ़ोमा जैसी समस्या होती है.

वैसे इस कृत्रिम चीनी के इस्तेमाल से टाइप 2 की डायबिटीज़ का ख़तरा बताया जाता है लेकिन इसकी भी पुष्टि नहीं हुई है.

यानी कृत्रिम स्वीटनर चीनी के मुकाबले में स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें