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भ्रष्टाचार न्यूनतम, प्रतिभा की कदर

सिंगापुर से लौट कर हरिवंश अत्यंत पारदर्शी व्यवस्था, अनुशासित माहौल, संकल्प और दृष्टि से वजूदहीन, अनजान द्वीप, दुनिया में पथ प्रदर्शक की भूमिका में पहुंच गया. मिशन (उद्देश्य), एक्शन (कर्म), एंबिशन (आकांक्षा) और विजन (दृष्टि) का दस्तावेज है सिंगापुर की सफलता, कहते हैं, हमारे मैनेजमेंट एक्सपर्ट मित्र. भ्रष्टाचार न्यूनतम है. वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (डब्ल्यूइएफ) ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2015 12:47 PM
सिंगापुर से लौट कर हरिवंश
अत्यंत पारदर्शी व्यवस्था, अनुशासित माहौल, संकल्प और दृष्टि से वजूदहीन, अनजान द्वीप, दुनिया में पथ प्रदर्शक की भूमिका में पहुंच गया. मिशन (उद्देश्य), एक्शन (कर्म), एंबिशन (आकांक्षा) और विजन (दृष्टि) का दस्तावेज है सिंगापुर की सफलता, कहते हैं, हमारे मैनेजमेंट एक्सपर्ट मित्र.
भ्रष्टाचार न्यूनतम है. वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (डब्ल्यूइएफ) ने सिंगापुर को एशिया का सबसे कम भ्रष्ट देश पाया. अपने अध्ययन में इस संस्था ने सिंगापुर को दुनिया के देशों में सबसे कम भ्रष्ट देशों की सूची में पांचवा पाया. बर्लिन स्थित चर्चित ट्रांसप्रेंसी इंटरनेशनल ने भी सिंगापुर को एशिया का पहला देश पाया, जहां भष्ट्राचार सबसे कम है. इस संस्था के अनुसार दुनिया के पैमाने पर सातवां सबसे कम भ्रष्ट देश. भ्रष्टाचार के मामले सामने आते ही सरकार सख्ती बरतती है. तत्काल कार्रवाई. सरकारी अफसर बेईमानी और गैरकानूनी कामों में लगे हैं, तो उनके खिलाफ सख्त व समयबद्ध सार्वजनिक कानूनी कार्रवाई होती है. प्रधानमंत्री के कार्यालय में करप्शन प्रैक्टिसेस इनवेस्टीगेशन ब्यूरो इस पर सख्त निगाह रखता है.
यह बहुभाषी, बहुसंस्कृति और विभिन्न समूहों (मल्टी लिंगुअल, मल्टी कल्चरल व मल्टी रेसियल) का देश है. चीन, मलाया और भारतीय मूल के लोग हैं. पिछले 30 वर्षो से कोई राजनीतिक हिंसा नहीं हुई. जबकि आसपास के देशों में भयानक रक्तपात हुआ. यहां राजनीतिक स्थिरता है. शासक दल पीपुल्स एक्शन पार्टी (जीएपी) ही 1965 से प्रभावी है. 83 संसदीय क्षेत्रों में से 81 में उसे चुनावों में बहुमत मिला है. संविधान में विपक्ष के लिए अलग से एक अतिरिक्त सीट आरक्षित है. जनता सीधे अपनी राय व्यक्त करे. इसका भी अवसर इस व्यवस्था में है. पुलिस परमिट लें सिंगापुर के स्पीकर्स कॉर्नर में जायें, अपनी राय व्यक्त करें. कुछ धार्मिक औरजातीय सवाल सार्वजनिक बहस से प्रतिबंधित हैं.
सिंगापुर का इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित देशों के टक्कर का है. कहीं-कहीं बीस, अत्याधुनिक सूचना तकनीक नेटवर्क, लेटेस्ट (ताजातरीन) संचार सुविधाएं, यातायात और सेवा क्षेत्र अत्यंत विकसित.
फोन और मोबाइल फोन 58.6 और 53.9 फीसदी लोगों के पास 47 फीसदी घरों में निजी कंप्यूटर. 53.8 रिहायशी घरों में इंटरनेट सुविधा, सभी स्कूलों, घरों और कार्यालयों में इंटरनेट सुविधा, पर मुफ्त नहीं.
यातायात व्यवस्था, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यातायात व्यवस्थाओं में से ए़क दुनिया का सबसे व्यस्त बंदरगाह 1999 में 87.7 करोड़ टन सामान यहां से इधर-उधर हुआ. सिंगापुर एयरपोर्ट को विभिन्न सर्वे रिपोर्टों में सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्टों में गिना जाता है. सड़क व्यवस्था भी उतनी ही चुस्त, सुंदर और प्रभावी सजग. जाम नियंत्रण के लिए रोड प्राइसिंग सिस्टम (इआरपी) है. शहर के किसी किनारे हों, कहां सड़क जाम है. यह सूचना आपको इलेक्ट्रॉनिक बोर्डो से कदम-कदम पर मिलेगी. कानून-व्यवस्था इतनी चुस्त, पर शायद ही पुलिस कहीं दिखाई दें. सार्वजनिक यातायात व्यवस्था सस्ती और प्रभावी, उपभोक्ताओं के हित में स्वास्थ्य, सुरक्षा और भवन निर्माण के इतने सख्त कानून है कि बिल्डर वगैरह कहीं धोखा नहीं दे सकते, यहां की स्वास्थ्य सेवा विकसित देशों के समकक्ष है. 70 फीसदी सरकारी अस्पताल हैं. पूरे क्षेत्र के लोगों की चिकित्सा के लिए यह हब बन गया है. मलयेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, ब्रूनी और फिलीपींस के रोगी यहां आते हैं. सिंगापुर के बुजुर्ग नागरिकों (55 वर्ष से ऊपर) के लिए सिंगापुर की सरकार ने नेशनवाइड हेल्थ स्क्रीनिंग प्रोग्राम 2001 में शुरू किया है. चार करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत से.
धरती नहीं है, इसलिए खाने की बहुत चीजें बाहर से मंगानी पड़ती हैं. सारी सब्जियां विदेशों से आती हैं. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड यूरोपीय संघ और अमेरिका से सब्जियां आती हैं. ताजे फल मलयेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, फिलिपींस, चीन, अमेरिका और यूरोप से पहुंचते हैं. सेब-संतरों का सबसे बड़ा स्रोत अमेरिका है. यह भारतीय व्यवस्था की अकर्मण्यता है कि इतने पास होते हुए सिंगापुर से हम फल सब्जी बेच कर कुछ कमा नहीं सकते. मॉल (बड़ी दुकानें) हतप्रभ करनेवाली हैं. न्यूयार्क, लंदन से उन्नीस नहीं. शानदार बहुमंजिली इमारतें. एक-एक फ्लोर पर एक-एक चीज का खंड, दक्षिण-पूर्व एशिया के लोग-पर्यटक भारी संख्या में खरीदारी के लिए इन मॉलों में आते हैं. आश्चर्य यह कि सबसे बड़े लोकप्रिय स्टोर भारतीयों के हैं. बताया जाता है कि सिंगापुर के तीन क्रमश: बड़े स्टोर भारतीय मूल के लोगों के हैं. सबसे बड़े स्टोर मुस्तफा के बारे में बताया गया कि मुस्तफा सिर्फ 10 डॉलर लेकर सिंगापुर आये थे. खाकपति से करोड़पति बनने के अनेक साक्ष्य हैं. सिंगापुर के जानकार कहते हैं कि यहां प्रतिभा की कदर है. टैलेंट का आदर है. जाति, धर्म व भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं. इसलिए भारतीय भी समृद्ध व सुखी हैं.
आज ली क्वान यी का सिंगापुर और महातिर का मलयेशिया दुनिया में अलग व विशिष्ठ एशियन वैल्यूज (एशियाई मूल्य) की बातें करते हैं. पश्चिम की सरकारों से एशिया को अलग बताते हैं, जो काम भारत का था, वे सिंगापुर-मलयेशिया जैसे देश कर रहे हैं, फिर भी हमें गुमान है कि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी.

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