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मन को भूल जाएं, शरीर की सुनें…

अक्सर घर से बाहर रहते हुए कुछ लोगों को कुछ न कुछ खाते रहने की आदत होती है और ज्यादातर लोग इस आदत के दौरान फास्टफूड खाना पसंद करते हैं. डॉक्टर्स की राय माने तो इस तरह से खाना गलत नहीं है लेकिन फास्टफूड खाना गलत है. ज्यादा फास्टफूड खाना मोटापे का सबसे बड़ा कारण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2015 4:18 PM

अक्सर घर से बाहर रहते हुए कुछ लोगों को कुछ न कुछ खाते रहने की आदत होती है और ज्यादातर लोग इस आदत के दौरान फास्टफूड खाना पसंद करते हैं. डॉक्टर्स की राय माने तो इस तरह से खाना गलत नहीं है लेकिन फास्टफूड खाना गलत है.

ज्यादा फास्टफूड खाना मोटापे का सबसे बड़ा कारण होता है ऐसे में आपका बढ़ता मोटापा और आपका फैटी शरीर तो फास्टफूड को खाने से न करता है लेकिन मन उसके स्वाद के पीछे भागता है, जिसमें जीत आपके मन की होती है और आप लगातार मोटे होते जाते हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग अधिक फास्टफूड खाते हैं उनमें शुगर या मोटापा बढ़ने की आशंका अधिक रहती है.

खाने-पिने की आदतों के चलते यदि आपकी कमर मोटी हो गई हो, कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ गया हो, ब्लड प्रेशर ज्यादा हो तो यकीन मानिए ये मेटाबोलिक लक्षण आने वाले दिनों में दिल की बीमारी, हार्ट अटैक और डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं.

ये संकेत आपको चेतावनी दे रहें है कि यदि आपने अपनी आदत नही सुधारी या फास्टफूड को खाना कम नहीं किया तो जल्द ही आप गंभीर बिमारियों की चपेट में आ सकते हैं.

हालिया हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मिल्कशेक पीने से पहले लोगों के रक्त का नमूना लिया और फिर पीने के बाद लिया. इस अध्ययन में उन्होंने 61 ऐसे जैविक लक्षण पाए, जो मेटाबोलिक डिजीज के कारक होते हैं यानी रोजाना पिए जाने वाला आपका एक ग्लास मिल्कशेक आपको गंभीर बीमारियाँ देने का मुख्य कारण बन सकता है.

जर्नल के एडिटर ने भी अपनी टिप्पणी में लिखा है कि जंक फूड के लिए हमारा दिमाग कहता है खा लो जबकि शरीर का संकेत होता है- मत खाओ. लेकिन हम शरीर की कभी नहीं सुनते और दिमाग/मन की बातों में आ जाते है.

यह शोध एफएएसईबी जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

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