पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से पीड़ित महिला दे सकती हैं ‘ऑटिज्म बच्चे को जन्म’
हालिया हुए एक अध्ययन अनुसार, ऐसी महिलाएं जो पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की मरीज हैं और यदि वह गर्भवती हैं तो वह आटिज्म बच्चे को जन्म दे सकती हैं. जी हाँ, यह खबर चकित कर देने वाली जरुर है लेकिन यह पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण है. पॉलीसिस्टिक ओवेरियन […]
हालिया हुए एक अध्ययन अनुसार, ऐसी महिलाएं जो पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की मरीज हैं और यदि वह गर्भवती हैं तो वह आटिज्म बच्चे को जन्म दे सकती हैं. जी हाँ, यह खबर चकित कर देने वाली जरुर है लेकिन यह पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण है.
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक सामान्य बीमारी की तरह आज के समय में कई महिलाओं में देखा जा सकता है. यह महिलाओं में 5 से 15% तक उनकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है.
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम में महिलाओं में ‘मेल हार्मोन्स’ बनने लगते हैं और ‘फीमेल हार्मोन्स’ घटने लगते हैं, इस क्रिया को एण्ड्रोजन कहा जाता है.
हालिया हुए एक शोध में यह बात स्पष्ट की गई है कि एण्ड्रोजन की इस क्रिया के कारण महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान 59% तक ये चांसेस बढ़ जाते हैं कि उनका बच्चा आटिज्म से ग्रसित पैदा हो सकता है.
इसके लिए शोधकर्ताओं ने 1984 और 2007 के बीच स्वीडन में पैदा हुए 4 साल की उम्र से 17 साल तक के सभी बच्चों के डेटाबेस की जांच की. जिसमें 24,000 मामले देखे गए. इन मामलों में लडकियों से ज्यादा लड़कों कि संख्या अधिक पाई गई. साथ ही यह भी देखने में आया की इस तरह के बच्चे आटिज्म के साथ-साथ मोटापे के भी शिकार होते हैं.
इस शोध का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के प्रति जागरूक करना ताकि गर्भवती होने से पहले ही महिलाएं इस बीमारी का इलाज करा सकें और अपने होने वाले बच्चे को इसके प्रभावों से बचा सकें.
यह शोध मॉडर्न साइकाइट्री जर्नल में प्रकाशित हुआ है.