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मजबूत याददाश्त के लिए ‘गुनगुनाना’ है जरुरी

अक्सर लोग ख़ुशी के मूड में गुनगुनाना पसंद करते हैं या कभी अकेले होने पर संगीत को अपने साथी की तरह गुनगुनाना एन्जॉय करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं? आपकी याददाश्त बढ़ाने के लिए भी गुनगुनाना जरुरी हो सकता है! नहीं…तो जानने के लिए पढ़िए ये लेख. संगीत सुनने और गुनगुनाने से मानसिक संतोष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2015 7:53 PM

अक्सर लोग ख़ुशी के मूड में गुनगुनाना पसंद करते हैं या कभी अकेले होने पर संगीत को अपने साथी की तरह गुनगुनाना एन्जॉय करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं? आपकी याददाश्त बढ़ाने के लिए भी गुनगुनाना जरुरी हो सकता है! नहीं…तो जानने के लिए पढ़िए ये लेख.

संगीत सुनने और गुनगुनाने से मानसिक संतोष तो मिलता है था लेकिन इसके कुछ चिकित्सकीय फायदे भी हो सकते हैं. शायद आप जानते हो कि पश्चिमी देशों में गायों को दूध देने के लिए संगीत प्रेरित करता है इसलिए उन्हें खास तरह का संगीत सुना कर दूध निकाला जाता है.

एक ताजा शोध के अनुसार, गुनगुनाने से, गाना गाने से डिमेंशिया के शुरुआती दौर से गुजर रहे लोगों की याददाश्त मजबूत होती है और भावनात्मक स्तर पर बहुत फायदा मिलता है. यही नहीं यदि अपनी भूलने की आदत से आप दुखी हों तो आपके लिए गुनगुनाना काफी फायदेमंद हो सकता है.

फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी के विशेषज्ञों ने डिमेंशिया से पीड़ित 89 लोगों पर परिक्षण किया जिसके बाद उन्होंने इस निष्कर्ष को सबके सामने रखा.

शोध के दौरान पाया गया कि गाने से हल्की डिमेंशिया से जूझते और 80 साल से कम उम्र के लोगों में क्षणिक याददाश्त और दिमाग की अन्य गतिविधियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यहीं नहीं सिर्फ संगीत सुनने से गंभीर डिमेंशिया मरीजों को लाभ होता है.

गाना गाने और संगीत सुनने दोनों के प्रयोग से अल्जाइमर जैसी स्थिति में भी मरीज को अवसाद से बचाना संभव होता देखा गया है.

विशेषज्ञों ने बताया कि गाने और संगीत के इस नए प्रयोग का असर संगीत से व्यक्ति के पहले के किसी जुड़ाव से अप्रभावित रहता है.

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