स्ट्रोक का इलाज ‘नींद की गोली’ से!
नींद न आने पर अक्सर लोग नींद की गोलियां लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं स्ट्रोक के मरीजों के लिए ये नींद की गोली किसी चमत्कार से कम नहीं है. जी हाँ, एक ताज़ा शोध के मुताबिक, स्ट्रोक के मरीजों को यदि नींद की गोली दी जाए तो उनके बिगड़े हालातों में तेज़ी से […]
नींद न आने पर अक्सर लोग नींद की गोलियां लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं स्ट्रोक के मरीजों के लिए ये नींद की गोली किसी चमत्कार से कम नहीं है. जी हाँ, एक ताज़ा शोध के मुताबिक, स्ट्रोक के मरीजों को यदि नींद की गोली दी जाए तो उनके बिगड़े हालातों में तेज़ी से सुधार होता है.
सामान्य सी समझी जाने वाली नींद की गोली का एक चौंकाने वाला फायदा सामने आया है. हालिया हुए एक शोध के अनुसार माने तो, नींद न आने की स्थिति में ली जाने वाली एक प्रचलित दवा स्ट्रोक के कारण दिमाग की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने में भी सक्षम है. यही नहीं यह मरीज को तेज़ी से रिकवरी भी देती है.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने इस शोध के परीक्षण के लिए चूहों पर प्रयोग किया जिसमें यह पाया गया कि दवा जोल्पिडेम लेने से स्ट्रोक के कारण क्षतिग्रस्त हुईं चूहों के दिमाग की कोशिकाओं में तेज सुधार होता है.
डायबिटीज के कारण और कई बार खून के थक्के जम जाने के कारण अटैक आते हैं जिन्हें स्ट्रोक के नाम से भी जाना जाता है. स्ट्रोक के कारण दिमाग की कोशिकाओं पर पड़ने वाले असर के कारण कई बार लोग लकवा के शिकार हो जाते हैं. अधिकतर मामलों में देखा गया है कि स्ट्रोक के बाद व्यक्ति को खाने, पहनने और चलने में दिक्कत होने लगती है.
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि अगर यह प्रयोग मनुष्यों पर भी कारगर रहा तो भविष्य में स्ट्रोक से पीड़ित लोगों के जीवन में उम्मीद की नई किरण दिख सकती है.
आंकड़ों की माने तो ब्रिटेन में असमय मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण स्ट्रोक है. यह शोध इस ओर खास उम्मीद लेके आया है.