ऐसे बच्चे जो लगातार ऑनलाइन रंग-बिरंगे फूड्स वाले गेम्स खेलते हैं वह बच्चे अनहेल्दी और जल्दी मोटे होते हैं. ऑनलाइन गेम्स में बच्चे अक्सर कैंडी, स्नैक्स, केक, पेस्ट्रीज और बर्गर से सम्बंधित खेल खेलते हैं और खाने में भी वही मांगते हैं. जिसके कारण उनकी खाने की आदतें बिगड़ जाती हैं और बच्चे मोटे होते जाते है.
नीदरलैंड, रैडबाउंड विश्वविद्यालय निजमेजेन के शोधकर्ता फ़्रांस फोल्क्वोर्ड कहना है कि बच्चे ये समझ ही नहीं पाते कि यह सभी फूड्स गेम का हिस्सा भर हैं और विज्ञापन का तरीका हैं. जबकि टीवी पर ये अलग से दिखाया जाता है. ऑनलाइन विज्ञापन में बच्चों को लुभाने के लिए गेम भी दिए जातें हैं जिन्हें वह अपने दोस्तों को भेज कर नये गेम पा सकते हैं.
फोल्क्वोर्ड के अनुसार, बच्चे पहचान ही नहीं पाते कि गेम एक विज्ञापन है, जबकि ब्रांड नेम और लोगो आसानी से देखा व समझा जा सकता है.
इसके अलावा, बच्चों को इससे कोई फर्क नही पड़ता कि गेम कैंडी के लिए है या फ्रूट के लिए. बच्चे गेम के बाद खाने में अधिक कैंडी ही खाते हैं.
1000 से अधिक बच्चों पर टेस्ट के बाद यह बात सामने आई है कि ऑनलाइन हिडन, छुपे हुए विज्ञापनों द्वारा बच्चों की खाने की आदतें बदल रही हैं.
रिसर्च बताती है कि ऐसे विज्ञापनों को देखने और उनसे जुड़े गेम खेलने के तुरंत बाद 55% तक बच्चे गेम में देखे गए फूड की मांग करते हैं. यही नहीं गेम खेलने के 5 मिनट के ब्रेक लेने के दौरान बच्चे 72 से ज्यादा अधिक कैलोरीज लेते हैं.
इस 2 साल की रिसर्च के बाद कैंडी खाने वाले बच्चों की बीएमआई(BMIs) उन बच्चों की तुलना में कम पाई गई जो कैंडी की अपेक्षा सेब खाना पसंद करते थे. और यही बच्चों को मोटा और अनहेल्दी होने का मुख्य कारण बन रहा है.
इस शोध का मुख्य कारण था ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाना जो बच्चों के लिए निषेध हैं.
यह शोध करंट ओपिनियन इन बिहेवियरल साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है.