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अदरक और शहद दूर कर देगी आपकी खांसी

मौसम सर्दी-खांसी का है. अंगरेजी दवाइयों के बजाय कई घरेलू नुस्खों से भी अपना बचाव कर सकते हैं. जानिए ऐसे ही कुछ आसान उपाय. – अदरक का 5 एमएल रस 10 ग्राम शहद में मिला कर दिन में चार बार लेने से खांसी में जल्दी लाभ होता है. – पिसी काली मिर्च और शक्कर बराबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2015 8:27 AM
मौसम सर्दी-खांसी का है. अंगरेजी दवाइयों के बजाय कई घरेलू नुस्खों से भी अपना बचाव कर सकते हैं. जानिए ऐसे ही कुछ आसान उपाय.
– अदरक का 5 एमएल रस 10 ग्राम शहद में मिला कर दिन में चार बार लेने से खांसी में जल्दी लाभ होता है.
– पिसी काली मिर्च और शक्कर बराबर मात्रा में लें. गाय के घी में पाउडर को मिला कर गोलियां बना लें. दिन में तीन बार गोली चूसें. लाभ होगा.
– सूखी खांसी के लिए दो ग्राम हल्दी पाउडर में एक चम्मच शहद मिला कर दिन में दो बार चाट लें. 10 दाने काली मिर्च शहद के साथ पीस लें. दिन में तीन बार इसे चाट लेने से भी सूखी खांसी में काफी लाभ होता है.
– नीबू का 50 एमएल रस, 200 ग्राम शहद, 20 एमएल अदरक का रस और 50 एमएल गरम पानी मिलाएं. शीशी में भर लें. दो-दो चम्मच दिन में तीन बार लें.
– 10-15 ग्राम गुड़ को सरसों तेल में मिला कर दिन में दो-तीन बार चाटने से खांसी काबू में आ जाती है. अदरक का एक टुकड़ा चूसने से भी खांसी दूर होती है.
इम्युनिटी बढ़ाता है शकरकंद
शकरकंद पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है, जो हमारी इम्युनिटी बढ़ाने में िवशेष रूप से फायदेमंद है. खास है कि डायबिटीज के रोगी भी इसे खा सकते हैं. इसे रोजाना आहार में शामिल करें.
शकरकंद या स्वीट पोटैटो आजकल बहुतायत में आ रहे हैं. यह सफेद या गुलाबी रंग लिये जमीन के नीचे उत्पन्न होनेवाली सब्जी है, जो स्वाद में मिठास लिये होती है. आड़ा-टेढ़ा दिखनेवाला शकरकंद पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है. इसके एक मध्यम आकार का कंद 100-110 ग्राम का होता है. इसमें 46 कैलोरी, 0.3 ग्राम फैट, 120 मिग्रा कार्बोहाइड्रेट, 3.9 ग्राम फाइबर, 46 मिग्रा कैल्शियम, 27 मिग्रा मैग्नीशियम होता है. इनके अलावा इसमें बीटा कैरोटिन, विटामिन ए, फाइबर, क्वेरसेटिन आदि तत्व भी पाये जाते हैं.
शकरकंद की गुणवत्ता
विटामिन बी 6 :
शकरकंद में बहुतायत में पाइरीडॉक्सिन पाया जाता है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकता है. यह महिलाओं में डिप्रेशन, मानसिक अस्वस्थता, ब्रेस्ट में दर्द होने से बचाव करता है. साथ ही यह होमोसिस्टीन नामक खराब रसायन को बनने से भी रोकता है. यह स्रायु तंत्र को ठीक करने, हाथ-पैरों में झनझनाहट, कारपेल टनल सिंड्रोम, गैस आदि से भी बचाता है.
मैग्नीशियम से भरपूर :
यह मैग्नीशियम का भी बेहतरीन स्रोत है, जो नसों, हृदय, खून, हड्डी, मशल्स इत्यादि को स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है. तनाव से राहत दिलाने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. यह तत्व हार्ट स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है. शकरकंद को भून कर, बेक कर या ग्रिल करके व्यंजन तैयार करें या कम पानी में उबालें. अधिक पानी में उबालने पर मैग्नीशियम क्षमता कम हो जाती है.
यह पोटैशियम का अच्छा स्रोत है. इसके 100 ग्राम में 393 मिग्रा पोटैशियम होता है. यह न सिर्फ धड़कन बल्कि स्रायु को भी स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है. यह शरीर की विभिन्न क्रियाओं को सुचारु रूप से चलाने में मदद करता है. यह थकान, कमजोरी, बदन दर्द, चिड़चिड़ेपन को कम करता है. ब्लड प्रेशर को कम करने में भी पोटैशियम की भी अहम भूमिका होती है.
डायबिटीज में :
डायबिटीज के मरीज भी इसे खा सकते हैं. स्वीट पोटैटो स्वाद में मीठा जरूर होता है, लेकिन इसकी मिठास रक्त प्रवाह में धीरे-धीरे जाती है. इस कारण ब्लड शूगर लेवल नहीं बढ़ता है. शकरकंद में फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है. इस कारण भी यह डायबिटीज के रोगियों के लिए हानिकारक नहीं है.
कब्जियत में :
एक मध्यम आकार के कंद में 3.9 ग्राम फाइबर होता है, जो काफी अधिक होता है. यह कब्ज में काफी फायदेमंद है. कब्ज की स्थिति में शकरकंद से बनी सब्जी, हलुआ, खीर, टिक्की इत्यादि लेना काफी फायदेमंद है. इससे पाचन क्षमता मजबूत होती है.
इम्युनिटी
इसमें विटामिन सी, बीटा कैरोटिन, कैरोटिनॉइड इत्यादि पाये जाते हैं. इसमें एंटी आॅक्सीडेंट भी होते हैं,
जो आंखों की परेशानी, झुर्रियां, कैंसर जैसे रोगों से बचाते हैं. ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं. यह गर्भावस्था और बच्चे को
दूध पिलाने की अवस्था में भी फायदेमंद होते हैं.
सूजन में : इसमें कोलिन पाया जाता है. यह ऐसा पोषक तत्व है, जो पढ़ने और याददाश्त क्षमता को बढ़ाता है. यह वसा के पाचन और सूजन को भी ठीक करता है. कोशिकाओं और सनायु तंत्र को भी दुरुस्त करता है.

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