बुजुर्गों की मांसपेशियां मज़बूत बनाएगा ‘एंटीबॉडी’: अध्ययन
बढ़ती उम्र के साथ हड्डियाँ और मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं. ऐसे में उनमें कोई भी काम कर सकने की शक्ति नहीं बचती है. उठने-बैठने से लेकर अपने छोटे-छोटे कामों के लिए भी दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है. यह बड़ी ही दयनीय कंडीशन होती है लेकिन अब इस समस्या से निपटने के लिए भी […]
बढ़ती उम्र के साथ हड्डियाँ और मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं. ऐसे में उनमें कोई भी काम कर सकने की शक्ति नहीं बचती है. उठने-बैठने से लेकर अपने छोटे-छोटे कामों के लिए भी दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है. यह बड़ी ही दयनीय कंडीशन होती है लेकिन अब इस समस्या से निपटने के लिए भी खोज कर ली गयी है.
बुढ़ापे में सबसे पहले मांसपेशियां कमजोर होती है और फिर हड्डियाँ, जो बुजुर्गों से उनकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी भी छीन लेती है. लेकिन अब उन्हें इन सभी चीज़ों से परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि अब वे एक नए एंटीबॉडी के इलाज से वह सभी काम कर सकते हैं, जिनके लिए शायद उन्हें किसी दूसरे पर निर्भर होना पड़ता था.
एक अंतर्राष्ट्रीय शोध दल के दूसरे चरण के परिणाम में यह बात सामने आई है. जांच के अनुसार, मायोस्टेटिन एंटीबॉडी इलाज बुजुर्गों की मांसपेशियों में सुधार ला सकता है, जिससे वे सीढ़ियां चढ़ सकते हैं, आराम से टहल सकते हैं और कुर्सी पर बार-बार उठ-बैठ सकते हैं.
अमेरिका के इंडियाना यूनिवर्सिटी-पारदु यूनिवर्सिटी इंडियाना पॉलिस के शोधकर्ता स्टुअर्ट वार्डेन ने कहा कि “मायोस्टेटिन एक स्वाभाविक प्रोटीन है, जो शरीर में बनता है और मांसपेशियों के विकास को रोकता है. लेकिन अध्ययन से यह पता चला है कि मायोस्टेटिन एंटीबॉडी का इंजेक्शन देने पर मांसपेशियों का गाढ़ापन बढ़ा है और कार्य करने की क्षमता में इजाफा हुआ है.”
वार्डेन ने कहा, “कुछ समय तक यह मान्यता थी कि मायोस्टेटिन के निर्माण को रोकने से मांसपेशियों का विकास होता है, जिससे मांसपेशियों का घनत्व और उसकी क्षमता
बढ़ती है.”
अध्ययन के दौरान, मायोस्टेटिन एंटीबॉडी का इंजेक्शन देने पर मांसपेशियों का घनत्व बढ़ा है और कार्य करने की उसकी क्षमता में भी इजाफा हुआ.
वार्डेन ने कहा, “यह पहला अध्ययन है, जिसमें यह स्पष्ट हुआ है कि एंटीबॉडी इलाज मांसपेशियों की क्षमता में सुधार लाता है.”