मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लिए विटामिन-डी है जरुरी: रिसर्च
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) से जूझ रहे लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण दिखी है. एमएस यानी मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है. इस बीमारी के लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता. जिसकी वजह से यह गंभीर रूप से मरीज को जकड़ लेती है. हालिया हुए एक शोध में इसके इलाज के लिए विटामिन-डी […]
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) से जूझ रहे लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण दिखी है. एमएस यानी मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है. इस बीमारी के लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता. जिसकी वजह से यह गंभीर रूप से मरीज को जकड़ लेती है. हालिया हुए एक शोध में इसके इलाज के लिए विटामिन-डी को उपयोगी बताया गया है.
एक ताजा शोध में विटामिन-डी को एमएस के इलाज का सस्ता और कारगर विकल्प पाया गया है. एमएस इम्यून सिस्टम से जुड़ी हुई समस्या है जिसमें मरीज भावनाओं और अभिव्यक्ति के बीच संतुलन नहीं बना पाता. यह शरीर के इम्यून सिस्टम में माइलिन के ठीक से काम न करने की वजह से पैदा होती है. यह एक वसायुक्त पदार्थ है, जो मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और ऑप्टिक नसों के तंत्रिका तंतुओं का पृथक करता है.
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता पीटर कालाब्रेसी ने कहा, ‘शोध के नतीजे उत्साहजनक हैं. विटामिन डी एमएस से जूझ रहे मरीजों के लिए एक सस्ता, सुरक्षित और सहज उपलब्ध इलाज हो सकता है.’
शोध के अनुसार, शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होने से एमएस की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा इसकी कमी से बीमारी के लक्षण भी गंभीर हो जाते हैं.
शोध के दौरान एमएस के 40 मरीजों को छह महीने तक विटामिन डी की यादा खुराक दी गई. इससे ऐसे लोगों में इम्यून सिस्टम की टी-कोशिकाओं पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला.
बताते चले कि इससे पहले किए गए अध्ययन के अनुसार, कॉफी का सेवन भी इस बीमारी में मददगार साबित हो सकता है. दिन में दो कप कॉफ़ी भी इसके खतरे को कम करने के लिए जरुरी हो सकती है.