पोलियो एक तरह की संक्रामक बीमारी है जो वायरस के कारण फैलता है. प्रारम्भ में यह
यह रोग छोटे बच्चों में होता है. रोग के प्रारम्भ में जुकाम के साथ हाथ पैरों के जोड़ों तथा कमर में तीव्र पीड़ा होती है व रोगी बिना हिलेडुले पड़ा रहता है.
पांचवें छठे दिन ज्वर उतर जाता है तथा हाथ पैर शक्तिहीन हो जाते हैं. मांसपेशियों व तन्त्रिका तन्त्र पर प्रभाव से रोग की तीव्रता से विकलांगता आ जाती है इस मर्ज की दवा बचपन में ही दी जाती है. हालिया हुए एक शोध ने पोलियो के लिए एक सुरक्षित वैक्सीन खोज ली है.
पोलियो मुक्त विश्व का लक्ष्य पूरा होने के बाद दुनिया को और सुरक्षित बनाने की दिशा में वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता हासिल की है.
शोधकर्ताओं ने पोलियो का एक नया टीका ईजाद किया है जो प्रभावी होने के साथ ही भविष्य की दृष्टि से सुरक्षित भी है.
ब्रिटेन के हर्टफोर्डशायर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल स्टैंडर्डस एंड कंट्रोल के शोधकर्ताओं ने इस नए टीके को ईजाद किया है. नए टीके में वर्तमान टीके की अपेक्षा वायरस के हल्का स्वरूप का इस्तेमाल किया गया है.
वर्तमान में टीका बेहद शक्तिशाली वायरस की मदद से बनाया जाता है. आमतौर पर सुरक्षित होने के बाद भी कुछ दुर्लभ मामलों में इन टीकों से पोलियो के यादा जटिल स्वरूप के पनपने की आशंकाएं जताई जा चुकी हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस संबंध में नए टीके की ईजाद का निर्देश जारी किया है.