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कब्ज को दूर रखता है मटर

इस मौसम में सहज उपलब्ध मटर को सब्जी के रूप में खायें या किसी अन्य चीज में मिला कर. यह प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. ठंड के मौसम में मिलनेवाली मटर की फली जितनी लुभावनी होती है खाने में भी मटर उतना ही स्वादिष्ट होता है. यह प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2016 8:19 AM
इस मौसम में सहज उपलब्ध मटर को सब्जी के रूप में खायें या किसी अन्य चीज में
मिला कर. यह प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.
ठंड के मौसम में मिलनेवाली मटर की फली जितनी लुभावनी होती है खाने में भी मटर उतना ही स्वादिष्ट होता है. यह प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, घुलनशील व अघुलनशील फाइबर एवं एंटी आॅक्सीडेंट से भरपूर होता है. 100 ग्राम मटर (एक कटोरी) में लगभग 7 ग्राम प्रोटीन, 93 कैलोरी, 139 मिग्रा फॉस्फोरस, 1.5 ग्राम आयरन, 15.9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 83 माइक्रोग्राम कैरोटिन, 20 मिग्रा कोलिन, 34 मिग्रा मैग्नीशियम, 79 मिग्रा पोटैशियम और सोडियम बहुत ही कम होता है.
पेट के लिए फायदेमंद
एक कटोरी मटर की सब्जी, डायबिटिक, ब्लड प्रेशर और कब्ज से परेशान व्यक्ति रोज के भोजन में शामिल करें, तो राहत मिलेगी. मटर का ग्लाइसेमिक इंडैक्स कम होता है, जो ब्लड शूगर को बढ़ने नहीं देता है.
100 ग्राम मटर में लगभग 5 ग्राम फाइबर होता है, जो कब्जियत और आंत की परेशानी से भी बचाता है. रोज के जरूरत की लगभग 13% फाॅस्फोरस की पूर्ति एक कटोरी मटर की सूखी सब्जी से पूरी हो जाती है. मटर में मैग्नीशियम भी प्रचुर मात्रा में होता है. यह हृदय को सुचारू रूप से चलाने के साथ ही तनाव से भी बचाता है. ध्यान देनेवाली बात है कि मटर को पानी में उबालने से मैग्नीशियम कम हो जाता है. अत: स्टीम या भून करके पकाना बेहतर होता है.
विटामिन से भरपूर
ताजा मटर में एंटी आॅक्सीडेंट, फ्लेवनॉइड्स, कैरोटिन, ल्यूटिन, जी-जैनथिन, विटामिन ए इत्यादि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं, जो त्वचा व आंखों के लिए फायदेमंद होता है. यह आंत के कैंसर से भी बचाव करता है. 100 ग्राम मटर में 20 मिग्रा कोलिन नामक माइक्रोन्यूट्रिएंट होता है, जो हृदय रोग से बचाने में सहायक होता है. इसमें विटामिन बी कॉम्पलैक्स जैसे-पेंटोथेनिक एसिड, नियासिन, थायमिन, पाइरीडॉक्सिन व कैल्शियम, आयरन, कॉपर, जिंक जैसे मिनरल्स भी होते हैं, जो शरीर को सुचारू रूप से चलाने में मददगार होते हैं.
मटर प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत होता है. इसमें जरूरी एमिना एसिड जैसे-लाइसिन, ल्यूसिन, आरजिनिन भी होते हैं. इसमें एक खास प्रोटीन लेसेथिन भी होता है, जो खून को पतला रखने में सहायक होता है. दही के साथ इसका स्वाद और पौष्टिकता दोनों बढ़ जाती है.
बढ़ाता है इम्यूनिटी
मटर एस्कॉर्बिक एसिड का भी अच्छा स्रोत होता है. 100 ग्राम मटर में 40 ग्राम एस्कॉर्बिक एसिड होता है. यह घुलनशील एंटी आॅक्सीडेंट है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है. मटर से इसकी रोजमर्रा की जरूरत का 16% प्राप्त हो जाता है. ताजा मटर फोलिक एसिड का अच्छा स्रोत होता है.
इसकी कारण गर्भावस्था में मटर खाना फायदेमंद होता है. यह नवजात को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट नामक रोग से भी बचाता है. हरे ताजे मटर में फैट/वसा की मात्रा बहुत कम होती है. एक अध्ययन के मुताबिक 100 ग्राम मटर में 130 मिग्रा ओमेगा-3 फैटी, 30 मिग्रा अल्फा लिनोलिक एसिड होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इसमें फाइटोस्टेरॉल खास कर बी-सिस्टेरॉल पाया जाता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है.
रखें ध्यान
जिन लोगों को हाइ यूरिक एसिड, गाउट, किडनी रोग, आर्थराइटिस आदि रोग होते हैं, उन्हें मटर संयमित मात्रा में लेना चाहिए या फिर नहीं लेना चाहिए. इसमें प्यूरिन की मात्रा अधिक होती है, जो यूरिक एसिड को बढ़ाता है. हरे ताजे मटर स्वास्थ्यवर्धक होते हैं इन्हें भोजन में शामिल करें. बिना छीले इसे फ्रिज में भी तीन-चार दिन तक रखा जा सकता है.

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