यदि आप ये सोच कर चॉकलेट नहीं खाते कि इसको खाने से दांत ख़राब होते हैं या चॉकलेट खाने से मोटे होते हैं तो इस लेख को पढ़िए और अपनी राय बदल डालिए…
पूरी दुनिया में चॉकलेट प्रेमी जानते हैं कि चॉकलेट मूड अच्छा रखती है और तनाव भी दूर करती है, लेकिन चॉकलेट के इसके अलावा भी कई लाभ हैं. यही नहीं, कोको से बनी चॉकलेट लंबे समय तक दक्षिणी अमेरिका के मूल निवासियों में भगवान के भोजन ‘फूड्स ऑफ द गॉड‘ के रूप में जानी जाती रही है. अपने गुणों और स्वाद की वजह से यह 100 वर्ष पहले से ही स्वादिष्ट पेय और चॉकलेट बार के रूप में प्रसिद्ध रही है.
वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो, एक अध्ययन के अनुसार दो सप्ताह तक प्रत्येक दिन डार्क चॉकलेट खाने से तनाव के हार्मोन कम होते हैं.
ऑस्ट्रेलियाई शोधार्थियों के अनुसार डॉर्क चाकलेट के सेवन से उच्च रक्तचाप में कमी आती है. कोको में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कई स्वास्थ्य अध्ययनों के लिए मददगार होते हैं.
पिछले दशक में आधुनिक विज्ञान ने चॉकलेट को ऑक्सीडेटिव तनाव घटाने के लिए बहुत शक्तिशाली माना है. इसकी वजह से बीमारियां, सूजन, चिंता, और इंसुलिन प्रतिरोध जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. इसलिए चॉकलेट केवल स्वाद में नहीं स्वास्थ्य के रूप में भी असरदार है.
एक शोध यह भी कहता है कि यह रक्त चाप को कम करता है, इसलिए चॉकलेट के सेवन से हृदय रोग की संभावना में भी कमी आती है.
वहीं यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि ज्यादा मात्रा में चॉकलेट खाने से ह्रदय रोगों से बचा जा सकता है.
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं द्वारा 2015 में किए गए अध्ययन के अनुसार, कोको का सेवन स्वस्थ वयस्कों में शांति और संतोष बढ़ाता है. इसके अलावा यह मानसिक प्रदर्शन को बेहतर कर थकान कम करने में मदद करता है.
कैलिफोर्निया के सैन डिएगो विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि जो वयस्क नियमित रूप से चॉकलेट खाते हैं, उनका बॉडी मास इंडेक्स चॉकलेट न खाने वालों की तुलना में कम रहता है.
वैज्ञानिकों के अनुसार चॉकलेट में मौजूद कोको फ्लैवनॉल उम्र संबंधित संज्ञानात्मक रोगों को कम कर सकते हैं.
अमेरिकी अध्ययन के अनुसार, रोजाना हॉट चॉकलेट के दो कप पीने से वृद्ध लोगों का मानसिक स्वास्थ अच्छा रहता है और उनकी सोचने की क्षमता भी तेज रहती है.
तो अगली बार बच्चों के लिए चॉकलेट खरीदने पर ‘अपने लिए भी चॉकलेट’ खरीदना न भूलें.