हाई फैट डाइट, हाई कैलोरीज, हाई कार्बोहाइड्रेट और हाई कोलेस्ट्रोल की के कारण होती है डायबिटीज. डायबिटीज के मरीज सबसे पहले मीठा खाना कम कर देते हैं और सोचते हैं कि बस, अब उनकी डायबिटीज कंट्रोल हो जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं आपकी डाइट में मौजूद ‘आलू’ आपको मीठे से भी ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है?
चिप्स, पकौड़े और समोसे खाने से यदि आपको ये लगता है कि आप डायबिटीज को कंट्रोल में रख सकतें हैं तो भूल जाएं. वक़्त है आपके संभलने का क्योंकि आलू आपको डायबिटीज का मरीज बना रहा है.
एक शोध के अनुसार, रोजाना आलू खाने वालों को टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है.
जापान के ओसाका सेंटर फॉर कैंसर एंड कार्डियोवेस्कुलर डिजीज प्रिवेंशन के शोधकर्ता इसाओ मुराकी और उनके साथियों ने आलू और टाइप-2 डायबिटीज के बीच इस संबंध का पता लगाया है.
अध्ययन के दौरान आलू के सेवन का डायबिटीज के बढ़े खतरों से संबंध पाया गया. शोध में पाया गया कि आलू का सेवन जिस-जिस रूप में किया जाता है, इससे भी परिणाम पर असर देखा जा सकता है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, बॉडी मास इंडेक्स और अन्य कारकों से इतर आलू का सेवन टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देता है. खासकर तले हुए आलू इस खतरे को ज्यादा बढ़ाते हैं.
विशेषज्ञों की माने तो आलू मीठे से कहीं ज्यादा डायबिटीक होने के लिए दोषी है. दिन भर खाया जाने वाले स्नैक्स, समोसे, पकोड़े, बर्गर, टिक्की आदि मीठे से कहीं ज्यादा सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. चूंकि मीठा सीधे रक्त में प्रवेश करता है इसलिए उसे दोषी कहा जाता है जबकि आलू के सेवन से वसा, शुगर, कार्बोहाइड्रेट, कोलेस्ट्रोल तेज़ी से बढ़ता है.