आए दिन लगातार पैरों में दर्द होना, हाथों में दर्द होना, मांसपेशियों के कमजोर होने का कारण भी हो सकता है. यह आधुनिक जीवन का रहन-सहन है जो अब युवाओं में भी मांसपेशियों की समस्याओं को उत्पन्न कर रहा है लेकिन ताज़ा शोध के अनुसार, इसका भी अब इलाज संभव हो गया है.
शोधकर्ताओं ने ऐसे जीन प्रमोशन की एक नई तकनीक का खुलासा किया है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी यानी डुशैन मसल डिस्ट्रोफी (डीएमडी) का इलाज किया जा सकता है. डीएमडी नाम की यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाई जाती है, जिसके कारण उनकी मांसपेशियों का विकास नहीं हो पाता है. ऐसे में उन्हें काफी कमज़ोरी भी रहती है.
डीएमडी नामक इस बीमारी के पीछे की जेनेटिक खराबी का पता वैज्ञानिकों को 30 साल पहले ही लग गया था, लेकिन इस समस्या को खत्म करने का उपाय अभी तक नहीं मिल पाया था.
इस बीमारी में, मांसपेशियों के फाइबर टूटकर फैट टिशू में बदल जाते हैं, जिसके कारण मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं. कई बार लोगों को इसके कारण दिल की बीमारियां भी हो जाती है.
युवा चूहों पर किए जा रहे अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने इस बीमारी के स्थाई इलाज के लिए जीन प्रमोशन तकनीक का प्रयोग किया, जिसमें उन्हें सफलता मिली.
अमेरिका के टेक्सास यूनिवर्सिटी के साउथ वेस्टर्न मेडिकल सेंटर के वरिष्ठ शोधाकर्ता ऐरिक ऑल्सन ने बताया कि यह बाकी के मेडिकल नियम से अलग है, क्योंकि इसमें हम सीधे बीमारी की जड़ को ख़त्म कर देते हैं.
साल 2014 में ऑल्सन और उनकी टीम ने चूहों को डीएमडी से बचाने के लिए उनके जीन में बदलाव किया था, जिसमें उन्हें सफलता मिली थी. जबकि वही इलाज मनुष्यों पर पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो पाया था.
इसके चलते वैज्ञानिक, मनुष्यों के लिए सही इलाज की तकनीक पर काम कर रहे थे, जिसमें अब जाकर उन्हें सफलता मिली है.
यह शोध साइंस जरनल में प्रकाशित किया गया है.