गांजा का सेवन अमूमन नशे के लिए किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह नशा दवा भी बन सकता है. जी हाँ, गांजा जो नशा है, इसका सेवन माइग्रेन संबंधित सिरदर्द से पीड़ित व्यक्ति के लिए लाभदायक हो सकता है. यह बात एक नए शोध में सामने आई है. आइये आपको बताते हैं…
इस नए शोध के अनुसार, माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित लोगों को जब गांजा की खुराक दी जाती है तो उनमें कई लाभ देखने को मिलते हैं.
इस अध्ययन के तहत 2010-2014 के बीच माइग्रेन पीड़ितों का परीक्षण किया गया और उन्हें औषधीय गांजा की खुराक दी गई. अध्ययन में पाया गया कि प्रत्येक महीने माइग्रेन का दौरा 10.4 से घटकर 4.6 रह गया. इसे सांख्यिकीय और चिकित्सा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना गया है.
यह शोध 121 मरीजों पर किया गया, जिसमें 103 में में लाभ दिखाई दिया, जबकि 15 में कोई बदलाव नहीं हुआ और तीन की समस्या और बढ़ गई.
अमेरिका में युनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो अंचुत्ज मेडिकल कैम्पस के वरिष्ठ लेखक लौरा बॉगेल्ट ने कहा कि पीड़ितों ने बेहतर महसूस किया और काम करने की उनकी क्षमता पर्याप्त रूप से सुधरी है.
बॉर्गेल्ट ने कहा कि किसी भी अन्य दवा की तरह गांजा में भी लाभ और हानि की संभावनाएं हैं. यह जरूरी है कि लोगों को गांजा के सेवन के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि इसके उपयोग का प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है.
बॉर्गेल्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि सेरोटोनिन माइग्रेन के सिरदर्द में प्रमुख भूमिका निभाता है, लेकिन इस हालत में केनाबिनॉइड्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.