चेहरे और हाथों जितनी ही जरूरी है पैरों की साफ-सफाई, बावजूद इसके अगर पैरों में किसी प्रकार का दर्द, सूजन, स्किन के निकलने जैसी समस्या महसूस हो तो तत्काल इसका इलाज कराएं. आपके पैर आपकी सेहत का लेखा-जोखा रखते हैं, इसलिए इनसे मिले संकेतों पर ग़ौर करें और अपनी सेहत बनाए रखें.
पैरों का ठंडा रहना…
मौसम सर्द हो या न हो, आपके पैर बारहों महीने ठंडे रहते हैं, तो यह हाइपोथायरॉइडिज़्म हो सकता है. यह एक डिसऑर्डर है, जिसमें थॉयरॉइड उन ज़रूरी हॉर्मोंस का उत्पादन नहीं कर पाता, जो शरीर के मेटाबॉलिज़्म को कंट्रोल करते हैं. इस वजह से बॉडी जरूरी ताप पैदा नहीं कर पाती, जिससे पैरों व हाथों का हर वक़्त ठंडा रहना आम बात हो जाती है.
इसके सर्वाधिक सामान्य लक्षण ये हैं…
-थकान होना
– वज़न बढ़ना और कब्ज़ रहना
-पैरों में दर्द रहना
-रूखी त्वचा और बालों का कमजोर होना
-अधिक ठंड लगना.
अन्य लक्षण
-पैरों के पीले नाख़ून
–अंगूठे का बढ़ना/पैरों का बहुत सूज जाना
– पैरों में कसावट/जकड़न होना
पैरों के पीले नाख़ून
नाख़ूनों में पीलापन नज़र आए, तो समझ जाइए कि यह फंगस की शुरुआत है. इस वजह से इनका रंग बदलने लगता है। इसका इलाज ख़ुद घर पर ही साफ़-सफ़ाई द्वारा किया जा सकता है. लेकिन कभी-कभी यह समस्या श्वास सम्बंधी समस्याओं की तरफ़ भी इशारा करती है. शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा न पहुंचने पर भी यह समस्या हो सकती है, जिससे हाथों व पैरों में सूजन जैसे लक्षण भी होते हैं.
अंगूठे का बढ़ना/पैरों का बहुत सूज जाना
अचानक पैरों के अंगूठे का बढ़ना या पैरों का बहुत सूज जाना गठिया का संकेत भी हो सकता है. शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से यह समस्या बढ़ती है, जिससे ख़तरा जोड़ों पर मंडराने लगता है. जानकारों के अनुसार बढ़ने वाला यूरिक एसिड अंगूठों में जमने लगता है, जिससे इनमें सूजन आने लगती है.
पैरों में कसावट/जकड़न
इस समस्या के पीछे सबसे मुख्य कारण होता है डीहाइड्रेशन, जो कम पानी पीने की वजह से होता है. बॉडी में न्यूट्रिशन की कमी से भी यह प्रॉब्लम होती है.