बोनमैरो में लगी चोट भी हो सकती है ‘जोड़ों में तकलीफ का कारण’
हड्डियों के अंदर पाया जाने वाले गूदा या मुलायम भाग को बोनमैरो कहा जाता है. यह वह हिस्सा होता है, जहां ब्लड बनाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि इसमें लगी चोट या घाव आपके जोड़ों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं? जी हां, हाल ही में हुए एक शोध से […]
हड्डियों के अंदर पाया जाने वाले गूदा या मुलायम भाग को बोनमैरो कहा जाता है. यह वह हिस्सा होता है, जहां ब्लड बनाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि इसमें लगी चोट या घाव आपके जोड़ों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं?
जी हां, हाल ही में हुए एक शोध से इस बात का पता लगा है. बोनमैरो में चोट आने या उसमें घाव हो जाने से परेशान हैं, तो इसका फौरन इलाज करवाएं, क्योंकि यह आपको जोड़ों के दर्द (ज्वाइंट पेन) का मरीज बना सकता है.
शोधकर्ताओं ने ऐसे जख्मों की एमआरआई स्कैन प्रणाली से जांच की और पाया कि ये जख्म तेजी से बढ़कर ऑस्टियोआर्थराइटिस की वजह बन सकते हैं.
आर्थराइटिस की समस्या भारत के लोगों में अमूमन पाई जाती है लेकिन ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारी बाहरी देशों में अधिक देखने को मिलती है. इस तरह के आर्थराइटिस में जोड़ों का दर्द होता है और मांसपेशियां सख्त हो जाने जैसी परेशानी सामने आती हैं. बोनमैरो हड्डियों के अंदर का एक मुलायम हिस्सा होता है, जहां रक्त बनता है. मैरो ब्लड सेल (रक्त कोशिकाओं) का उत्पादन करने वाली स्टेम कोशिकाओं से भरी होती है.
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथएम्पटन के प्रवक्ता मार्क एडवर्ड्स के अनुसार, ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस संपूर्ण रूप से किसी भी व्यक्ति और उपचार पद्धति के लिए एक बड़ी समस्या है.‘ वैसे तो यह समस्या हर जोड़ (ज्वाइंट) में हो सकती है, लेकिन खासकर घुटने, कूल्हे और हाथों के छोटे-छोटे जोड़ इस रोग से सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं.
इस शोध में 50 साल की आयु के 176 पुरुष और महिलाओं के घुटनों का एमआरआई स्कैन कराया गया और लगातार तीन साल तक इनके घुटनों का परीक्षण किया गया. निष्कर्षों से सामने आया कि इन प्रतिभागियों में जो लोग बोनमैरो घाव (बीएमएल) से पीड़ित थे, उनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या तेजी से बढ़ रही थी.
यह शोध ‘रूमटॉलजी‘ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.