स्किन और नर्वस सिस्टम से संबंधित हानिकारक ट्यूमर का पता लगाना होगा आसान: रिसर्च
स्किन और नर्वस सिस्टम से जुड़ी कई ऐसी जटिल समस्याएं हैं जिनका पता लगाना मुमकिन नहीं हो पाता लेकिन हालिया हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने मानवों में स्किन और नर्वस सिस्टम से संबंधित बिमारियां पैदा करने वाले 60 आनुवंशिक विकारों (जेनेटिक डिसॉर्डर) की पहचान कर ली है. शिकागो की लोयोला यूनिवर्सिटी […]
स्किन और नर्वस सिस्टम से जुड़ी कई ऐसी जटिल समस्याएं हैं जिनका पता लगाना मुमकिन नहीं हो पाता लेकिन हालिया हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने मानवों में स्किन और नर्वस सिस्टम से संबंधित बिमारियां पैदा करने वाले 60 आनुवंशिक विकारों (जेनेटिक डिसॉर्डर) की पहचान कर ली है.
शिकागो की लोयोला यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों के अनुसार, न्यूरोक्यूटेनियस विकार के नाम से जानी जाने वाले इन 60 आनुवंशिक बिमारियों में न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस सर्वाधिक आम बिमारी है.
शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस आनुवशिंक के 60 विकारों में से एक है. यह त्वचा में भूरे धब्बे और मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी तथा तंत्रिका तंत्र के विभिन्न हिस्सों में गैर हानिकारक ट्यूमर के लिए जिम्मेदार होता है.
भ्रूण के विकास के दौरान कोशिकाओं के असामान्य विकास की वजह से न्यूरोक्यूटेनियस बिमारियां होती हैं और इसके कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों में ट्यूमर बन जाते हैं.
यह विकार विरासत में मिलते हैं और स्वाभाविक उत्परिवर्तन से निर्मित होते हैं. चिकित्सा क्षेत्र में हो रही लगातार प्रगति के बावजूद न्यूरोक्यूटेनियस बिमारियों का स्थायी उपचार नहीं खोजा जा सका है.
शोध से जुड़े वैज्ञानिकों एना कैरोलिना पाइवा कोस्टा टी. फिगुएरेडो, निकोलस माटा-माचाडो, मैथ्यू मैक्कॉयड और जोस बिलर ने बताया कि शोध के दौरान हमने न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस रोगियों को कई क्षेत्रों के पारंगत चिकित्सकों की देखरेख में रखा. हमारा उद्देश्य उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य विकास मुहैया कराना और बिमारियों को उनके शुरुआती चरण में पहचान कर उपचार करना था.
यह अध्ययन शोध-पत्र ‘करंट न्यूरोलॉजी एंड न्यूरोसाइंस रिपोर्ट्स‘ में प्रकाशित किया गया है.