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जानिए, क्या कहती है आपकी सेल्फी ‘आपके बारे में’?

क्या आप जानते हैं? आपकी सेल्फी भी आपके बारे में कुछ कहती है. यही नहीं, सेल्फी क्लिक करने का अंदाज आपकी पर्सनैलिटी के बारे में भी कुछ कहता है. सेल्फी यानी खुद की फोटो खींचना न केवल अब पसंदीदा शगल है बल्कि अब इसे सेहत के लिए फायदेमंद भी माना जा रहा है. कैसे? आइये […]

क्या आप जानते हैं? आपकी सेल्फी भी आपके बारे में कुछ कहती है. यही नहीं, सेल्फी क्लिक करने का अंदाज आपकी पर्सनैलिटी के बारे में भी कुछ कहता है. सेल्फी यानी खुद की फोटो खींचना न केवल अब पसंदीदा शगल है बल्कि अब इसे सेहत के लिए फायदेमंद भी माना जा रहा है. कैसे? आइये आपको बताते हैं….

समंदर के किनारे लहराते बालों के साथ, ऑफिस में झुंझलाते हुए या फिर आईने के सामने इठलाते हुए ली गई सेल्फी जब इंटरनेट पर वायरल होती है, तो दिल को बड़ा सुकून मिलता है.

इंटरनेट पर खुद को पेश करने के लिए सेल्फी एक नया टूल बनकर उभर रही है. कभी डिस्को पर थिरकते हुए, तो कभी बारिश में भीगते हुए और कभी वेस्टर्न ड्रेस में पोज देते हुए. सोशल साइट्स पर ऐसी तसवीरें पोस्ट करना युवाओं को अब स्टेटस सिंबल होता जा रहा है. तभी तो आज ‘सेल्फी कल्चर’ कई नामों से पॉपुलर हो रहा है।

युवा जोड़े जब अपनी सेल्फी सोशल साइट्स पर पोस्ट करते हैं, तो इसका सीधा मतलब होता है कि वे अपने प्यार को भावी पार्टनर के रूप में देख रहे हैं. ऐसी सेल्फी को ‘कपल सेल्फी’ कहा जाता है.

दोस्तों के साथ ऐसे कई लम्हें होते हैं, जो ‘फ्रेंड सेल्फी’ के रूप में इंटरनेट पर छाई रहती हैं. ऐसी सेल्फी पसंद करने वाले लोग ज्यादा सोशल और हर पल मस्ती से जीने वाले माने जाते हैं.

अगर सेल्फी किसी डांस क्लब, पार्टी, मॉल, रेस्टोरेंट, फैशन शो, ट्रैवल या फिर किसी खास इवेंट से जुड़ी हो, तो इसे ‘स्टेटस सेल्फी’ कहा जाता है. इसका मतलब है कि आप इन तसवीरों के जरिए अपनी हैसियत दूसरों को बताना चाहते हैं.

कुछ लोग तस्वीरों को काफी फिल्टर करके पोस्ट करते हैं, जिसे ‘फिल्टर्ड सेल्फी’ का नाम दिया गया है.

सेल्फी भी होती है हेल्दी…

-फायनैंशियल एक्सप्रेस में प्रकाशित शोध की मानें तो अधिक सेल्फी खींचने वाले लोगों को त्वचा संबंधी रोगों का खतरा कम होता है.

-शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में माना कि अपनी सेल्फी त्वचा रोग विशेषज्ञ को समय-समय पर भेजते रहना त्वचा की देखभाल का अहम हिस्सा होना चाहिए.

-शोधकर्ताओं ने इस प्रक्रिया से एक्जिमा जैसे त्वचा संबंधी रोगों की पहचान सही समय पर होने और उनके फॉलो अप लेने में मदद का भी दावा किया है.

-यह शोध 156 त्वचा संबंधी रोगों के मरीजों पर किया गया है जिसमें 78 मरीजों में इस विधि से तेजी से सुधार देखा गया है.

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