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खून की एक बूंद बताएगी बच्चा समयपूर्व जन्मा है या नहीं: रिसर्च

समयपूर्व जन्मे बच्चे को होने वाली बिमारियों से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक शोध द्वारा इसका हल खोज निकाला है. आइये आपको बताते हैं… हालिया हुए एक शोध में खून की एक बूंद से यह जानने की तकनीक विकसित की है कि बच्चा गर्भ में कितने समय रहा है. इसकी सहायता से समयपूर्व जन्म […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2016 5:53 PM

समयपूर्व जन्मे बच्चे को होने वाली बिमारियों से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक शोध द्वारा इसका हल खोज निकाला है. आइये आपको बताते हैं…

हालिया हुए एक शोध में खून की एक बूंद से यह जानने की तकनीक विकसित की है कि बच्चा गर्भ में कितने समय रहा है. इसकी सहायता से समयपूर्व जन्म लेने वाले बच्चों की पहचान और किसी बीमारी की स्थिति में उनको बेहतर इलाज देना संभव हो सकेगा.

शोधकर्ताओं के अनुसार, कोई शिशु समयपूर्व पैदा हुआ है या पूरी गर्भावधि के बाद, यह जानकर उसकी चिकित्सकीय जरूरतों को समझना आसान होता है.

विकासशील देशों में तकनीक की कमी, अभिभावकों की अनदेखी और शुरुआती दिनों में अल्ट्रासाउंड न होने से समयपूर्व प्रसव के बारे में जानना मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति में आमतौर पर बच्चे के वजन से ही उसकी गर्भावधि आयु का अनुमान लगाया जाता है.

यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के शोधकर्ताओं ने खून की जांच के द्वारा गर्भावधि आयु जानने की तकनीक विकसित की है. नवजात शिशुओं की सामान्य जांच से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर इस तकनीक को विकसित किया गया है.

शोधकर्ता केली रिकमैन ने कहा कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि नवजात का वजन समयपूर्व प्रसव के कारण कम है या किसी और कारण से. यह जानकर चिकित्सक नवजात को दी जाने वाली चिकित्सा का बेहतर तरीके से निर्धारण करने में सक्षम होंगे. चिकित्सकीय परिभाषा में गर्भधारण के 37 हफ्ते से पहले होने वाले प्रसव को समयपूर्व माना जाता है.

यह शोध प्रसूति एवं स्त्री रोग के अमेरिकन जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

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