सावधान! फास्टफूड दे रहा है आपके होने वाले बच्चे को ‘ऑटिज्म’
गर्भवती होने पर महिलाओं को पोषण आहार की जरूरत होती है न कि फास्टफूड की. लेकिन फिर भी अक्सर महिलाएं सिर्फ खाने पर जोर देती हैं और पोष्टिक आहार पर अधिक जोर नहीं देती. जिसका परिणाम होने वाले बच्चे को भुगतना पड़ता है. जी हाँ, आपके होने वाले बच्चे को आपका फास्टफूड प्रेम ऑटिज्म का […]
गर्भवती होने पर महिलाओं को पोषण आहार की जरूरत होती है न कि फास्टफूड की. लेकिन फिर भी अक्सर महिलाएं सिर्फ खाने पर जोर देती हैं और पोष्टिक आहार पर अधिक जोर नहीं देती. जिसका परिणाम होने वाले बच्चे को भुगतना पड़ता है. जी हाँ, आपके होने वाले बच्चे को आपका फास्टफूड प्रेम ऑटिज्म का शिकार बना सकता है.
यही नहीं, फास्टफूड के कारण डायबिटीज़ और मोटापे से परेशान महिलाओं की संतान में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम होने की अधिक संभावना होती है.
हालिया हुए एक अध्ययन से पता चला है कि बच्चे में इस समस्या को होने की संभावना उसके जन्म लेने से पहले से ही हो जाती है।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने हुए इस अध्ययन मुख्य लेखक जियोबिन वैंग के अनुसार “मोटापा और डायबिटीज़, गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा नहीं होता है। दोनों ही समस्याओं से परेशान महिलाओं में विकसित हो रही संतान के न्यूरोडेवलपमेंट, लंबे समय तक प्रभावित हो सकते हैं”।
इस शोध में साल 1998 से 2014 तक के बीच करीब 2,734 मां उनके बच्चे पर अध्ययन किया गया। अध्ययन के दौरान करीब 100 बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार देखा गया, जिसका कारण मोटापा और डायबिटीज़ हैं। इस अध्ययन के अन्य लेखक एम डेनियेली फॉलिन के अनुसार ऑटिज्म का खतरा भ्रूण (फिटस) के साथ शुरू हो जाता है।
सामान्य वज़न वाली महिलाओं के बच्चे की तुलना में जिन महिलाओं को मोटापा और डायबिटीज़ दोनों ही समस्याएं होती हैं, उनके बच्चे में ऑटिज्म का खतरा चार गुना अधिक होता है।
यह शोध पत्रिका ‘पीडियाट्रिक्स’ में प्रकाशित हुआ है।