हेल्दी कैलोरी से बढ़ाएं वजन
कुछ दिनों पहले 22 वर्ष की एक लड़की अपनी मां के साथ आयी. उसकी लंबाई 160 सेमी थी पर वजन उसकी लंबाई के हिसाब से 15-20% कम लग रहा था. बॉडी फैट एनलाइजर मशीन पर खड़ा करने पर पता चला कि उसका वजन 45 किलो, बीएमआइ 17.57, विसरल फैट-3, बॉडी फैट परसेंटेज 19 था, जो […]
कुछ दिनों पहले 22 वर्ष की एक लड़की अपनी मां के साथ आयी. उसकी लंबाई 160 सेमी थी पर वजन उसकी लंबाई के हिसाब से 15-20% कम लग रहा था. बॉडी फैट एनलाइजर मशीन पर खड़ा करने पर पता चला कि उसका वजन 45 किलो, बीएमआइ 17.57, विसरल फैट-3, बॉडी फैट परसेंटेज 19 था, जो औसत से कम था. उसने थकान, चिड़चिड़ापन, अनियमित माहवारी, गैस बनना, कमजोरी, बालों का झड़ना इत्यादि परेशानियां बतायीं. वह देखने में अत्यधिक दुबली-पतली और शरीर पीलापन लिये था. उसके माता-पिता, भाई-बहन कोई भी उसकी तरह दुबले नहीं थे.
अत: पतले होने की जेनेटिक वजह भी नहीं दिख रही थी. उसे हाइपर थायरॉयड, टीबी, गैस्ट्रो या लिवर से संबंधित समस्याएं भी नहीं थीं. बार-बार चक्कर, थकान और सिर दर्द से परेशान थी. जांच करवाने पर हीमोग्लोबिन लेवल 8.9 आया. पूछने पर पता चला कि वह खाती बहुत कम थी. पढ़ाई-लिखाई के कारण तनाव में ज्यादा रहती थी. वह जंक-फूड ज्यादा पसंद करती थी.
– कैलोरी के सेवन के लिए हेल्दी फूड लेना जरूरी है. जंक फूड, फ्रॉयड फूड इत्यादि लेने की जगह नट्स, चीज, बादाम, अखरोट, मूंगफली, गुड़, अंजीर, सनफ्लावर सीड्स, ब्राउन ब्रेड, वसावाला दूध, साबूत अनाज से बने ब्रेड आदि को प्राथमिकता दें. – पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थ लें जैसे-मीट, मछली, अंडा, सोयाबीन व इससे बने पदार्थ, राजमा, चना, मटर, बीन्स, कॉर्न, भुने चने, पनीर, मूंग, मटर आदि. – ऐसे स्रैक्स जिनमें प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है. पीनट बटर, चीज, सैंडविच, चीज पकौड़ा, चिक्की, खजूर, डार्क चॉकलेट आदि लें. बेक्ड शक्करकंद या आलू भी अच्छे स्वादिष्ट स्रैक्स हैं. – थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ-न-कुछ खाएं,
ऐसे किया गया उपचार
सबसे पहले जंक फूड का नुकसान बताया गया. इसमें वसा, नमक और चीनी की मात्रा ज्यादा रहने से यह शरीर के लिए नुकसानदेह है. तनाव दूर करने के उपाय अपनाने को कहा. ऐसे फूड लेने को कहा, जो कम मात्रा में अधिक कैलोरी व पौष्टिकता दें, जैसे-ड्राइ फ्रूट्स, नट्स, अंडा, दूध, मीट-मछली, पीनट बटर आदि. धीरे-धीरे वजन बढ़ना शुरू हुआ. जैसे ही उसका वजन 4-5 किलो बढ़ा, उसकी परेशानियां दूर होती गयीं. वजन के हिसाब से हर हफ्ते डायट में बदलाव किया जा रहा था. प्रोटीन की मात्रा को भी बढ़ाया गया. 3-4 महीने तक उसने सलाह के अनुसार भोजन किया, तो उसका वजन बढ़ कर 54 किलो हो गया. अब हीमोग्लोबिन का लेवल भी बढ़ कर 12.9 हो गया. बीएमआइ 21 हो गया. बॉडी फैट परसेंट भी बढ़ कर 28 हो गया.