महिलाएं ‘ब्रोकली’ खाएं और कैंसर भूल जाएं
ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए यह खुश खबरी तो ही साथ ही कैंसर की आशंकाओं से भयभीत रहने वाली महिलाओं के लिए भी यह राहत भरी खोज है. जी हाँ, ब्रोकली खाने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा टाला जा सकता है यही नहीं यह ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं में ब्रोकली का […]
ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए यह खुश खबरी तो ही साथ ही कैंसर की आशंकाओं से भयभीत रहने वाली महिलाओं के लिए भी यह राहत भरी खोज है. जी हाँ, ब्रोकली खाने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा टाला जा सकता है यही नहीं यह ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं में ब्रोकली का सेवन, कैंसर के विकास को कम करता है.
ब्रोकली में पाया जाने वाला यौगिक स्तन कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि मंद कर सकता है. खासकर प्रारंभिक चरणों में यह अधिक असरदार होता है.
एक नए शोध से यह बात सामने आई है. अमरीका की ऑरेगन स्टेट युनिवर्सिटी (ओएसयू) और ऑरेगन हेल्थ एंड साइंस युनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने एक नए अध्ययन में सुझाव दिया है कि ब्रोकली और क्रूसीफेरस सब्जियां (उसके परिवार से संबंधित वनस्पतियां) से प्राप्त होने वाले सल्फोराफेन (यौगिक) में लंबे समय तक कैंसर की रोकथाम वाले सबूत मिले हैं. इसलिए सल्फोराफेन कैंसर वृद्धि को कम करने में मददगार हो सकता है.
यह पहला औषधीय अध्ययन का निष्कर्ष है कि जिसमें स्तन कैंसर का इलाज करा रही महिला के स्तन ऊतकों पर सल्फोराफेन के प्रभाव को देखा गया है.
इस शोध में ऐसी 54 महिलाओं को शामिल किया गया था, जिनकी मैमोग्राफी जांच में कुछ असाधारण तत्व मिले थे. इन्हें प्लेसबो परीक्षण के अंतर्गत सल्फोराफेन का सेवन करने के लिए दिया गया.
ओएसयू कॉलेज ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड ह्यूमन साइंसेज की प्रोफेसर एमिली हो ने बताया, अध्ययन के बाद महिलाओं की जांच में हम यह देखकर चकित हो गए कि इस यौगिक के द्वारा उन असाधारण चिन्हों में कमी आई थी. इसका तात्पर्य है कि यह यौगिक कैंसर वृद्धि को धीमा कर सकते हैं.
पहले हुए अध्ययनों में भी बताया गया है कि क्रूसीफेरस सब्जियां जैसे ब्रोकली, गोभी या फूलगोभी का उच्च सेवन स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है.
यह शोध कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च जर्नल में प्रकाशित किया गया है.