उम्र भर अच्छे रिश्ते को जीना है तो ‘तेज़ म्यूजिक सुनिए’
क्या आप म्यूजिक लवर हैं? क्या आप तेज़ आवाज़ में गाने सुनना पसंद हैं? यदि हाँ तो खुश हो जाएं. आप एक बेहतरीन जीवनसाथी हैं. जी हाँ, और ये बात हम नहीं बल्कि एक शोध कह रहा है. कैसे? आइये आपको बताते हैं… एक शोध से पता चला है कि तेज आवाज़ में गाने सुनने […]
क्या आप म्यूजिक लवर हैं? क्या आप तेज़ आवाज़ में गाने सुनना पसंद हैं? यदि हाँ तो खुश हो जाएं. आप एक बेहतरीन जीवनसाथी हैं. जी हाँ, और ये बात हम नहीं बल्कि एक शोध कह रहा है. कैसे? आइये आपको बताते हैं…
एक शोध से पता चला है कि तेज आवाज़ में गाने सुनने से आप बेहतर वैवाहिक जीवन पा सकते हैं. इस नतीजे पर पहुंचने के लिए ऑडियो हार्डवेयर कंपनी सोनोस और एपल म्युजिक ने 30,000 लोगों का सर्वेक्षण किया.
इस शोध में उन्होंने दुनिया भर के 30 परिवारों (109) लोगों को शामिल किया। टेक वेबसाइट माशाबले ने यह जानकारी दी है.
दो हफ्तों तक चले इस शोध में परिवारों को पहला हफ्ता बिना तेज़ आवाज में संगीत सुने बिताना था. वहीं, दूसरे हफ्ते में सोनोस सिस्टम और एपल म्यूजिक पर उन्हें तेज़ आवाज़ में संगीत सुनने को कहा गया. इस दौरान 44,000 घंटों तक कुल 8,124 गाने बजाए गए.
इस शोध से यह नतीजा निकला कि दूसरे हफ्ते के दौरान परिवारों में एक-दूसरे से ज्यादा संवाद हुए. उन्होंने साथ गाना गया, डांस किया, हंसे, रोए और ज्यादा वक्त साथ बिताया. कुल मिलाकर संगीत सुनने वालों ने 67% ज्यादा बार सम्बन्ध भी बनाये.
शोध से जुड़े न्यूरोसाइंटिस्ट डेनियल जे लेविटिन ने कहा, "दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में और मानव इतिहास में संगीत बनाना सांस लेने या चलने-फिरने जैसी प्राकृतिक गतिविधि है और हर कोई इसमें शामिल होता है."
लेविटिन एक संगीतकार रह चुके हैं. उन्होंने ‘दिस इज योर ब्रेन ऑन म्यूजिक: द साइंस ऑफ ह्यूमन ऑबसेसन‘ नाम की किताब लिखी है. वे मनुष्यों पर संगीत के प्रभाव पर पिछले 20 सालों से अध्ययन कर रहे हैं.
लाविटिन के अनुसार, यह नतीजा हमेशा एक जैसा रहा. संगीत लोगों के दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन का स्त्राव बढ़ाता है, जिससे लोगों को संतुष्टि का गुनगुना अहसास होता है.
संगीत सुनने से एक दूसरा न्यूरोट्रांसमीटर ऑक्सीटोन भी निकलता है जिसे लव हार्मोन कहते हैं. जिसकी वजह से आपसी प्रेम बढ़ता है.