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किडनी रोगियों के लिए जरुरी नहीं अब ‘डायलिसिस’

डायलिसिस पर हो रहे खर्च और किडनी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. जी हाँ, हालिया हुए एक शोध में एक ऐसा उपकरण बनाया गया है जिसके प्रयोग से किडनी मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. अमेरिकी शोधकर्ताओं ने माइक्रोचिप की मदद से ऐसा उपकरण विकसित करने […]

डायलिसिस पर हो रहे खर्च और किडनी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. जी हाँ, हालिया हुए एक शोध में एक ऐसा उपकरण बनाया गया है जिसके प्रयोग से किडनी मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने माइक्रोचिप की मदद से ऐसा उपकरण विकसित करने का दावा किया है, जिससे खर्चीले डायलिसिस की जरूरत नहीं रहेगी. नैनो टेक्नोलॉजी से तैयार यह चिप हार्ट से ऊर्जा हासिल करेगा। इंसानों पर इसका परीक्षण अगले साल शुरू होने की संभावना है.

टेनेसी स्थित वैंडरबिल्ट विवि के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विलियम एच. फिसल की अगुआई वाली टीम को यह सफलता मिली है.

एच. फिसल ने कहा, ‘हमलोग ऐसे बायो हाइब्रिड उपकरण बनाने में जुटे हैं जो किडनी की तरह काम करेगा. यह बेकार पदार्थो, नमक और पानी को अलग रखने में सक्षम है. इसके इस्तेमाल से पीड़ितों को डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसे सिलिकन नैनो टेक्नोलॉजी का नाम दिया गया है. इसके लिए कंप्यूटर में इस्तेमाल माइक्रो तकनीक का प्रयोग किया गया है.

उनके अनुसार, कम कीमत पर उपलब्ध ये चिप अपशिष्ट पदार्थो को आसानी से फिल्टर कर सकता है. ऐसे हर उपकरण में ऊपर से नीचे के क्रम में तकरीबन 15 माइक्रोचिप होंगे.

उपकरण के प्रत्यारोपण के बाद किडनी सेल्स को इसके आसपास स्थापित किया जाएगा, ताकि वे प्राकृतिक तरीके से विकास कर सकें. इम्यून प्रभाव से अलग रहने के चलते शरीर में फिट होने या न होने की समस्या भी नहीं रहेगी.

शोधकर्ताओं के अनुसार, सबसे चुनौतीपूर्ण काम शरीर के प्रभावित हिस्से में रक्त के प्रवाह को बरकरार रखना है.

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