सुमित की उम्र पांच साल है. उसकी मां उसे लेकर क्लिनिक आयी. उनका कहना है कि सुमित के पेट में बार-बार दर्द होता है. सुबह-सुबह स्कूल जाते समय खाना खाने के बाद अचानक तेज दर्द होना लगता है. हालांकि थोड़ी देर में यह ठीक हो जाता है. पूछने पर पता चला कि उसे दस्त की भी शिकायत रहती थी. कई जगह दिखाया पर इसका कोई समाधान नहीं निकला. शुरुआती परीक्षण में कोई भी बात सामने नहीं आयी. मल की जांच कराने पर उसमें जियार्डिया नामक अमीबा मिला. उसे इसके लिए दस दिन तक दवा दी गयी. उसके बाद उसकी सभी समस्याएं ठीक हो गयीं.
बच्चों में इस तरह से पेट में दर्द होना आम है. इससे माता-पिता को परेशानी होती है. पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे-जीइआरडी, कृमि इन्फेक्शन, जियार्डिया, लेड टॉक्सिसिटी, दूध से एलर्जी, पेंक्रियाज में सूजन, अल्सर, आंतों की बनावट में गड़बड़ी, पथरी, कब्ज आदि.
इलाज : इसके इलाज के लिए बच्चे के रोग के इतिहास को जानना जरूरी है, जैसे-बच्चे को कब दर्द होता है. उल्टी या दस्त तो नहीं होता है. बुखार या पेट में चोट तो नहीं है. फिर शारीरिक परीक्षण करने से कुछ अंदाज लगाया जा सकता है. शिशु रोग विशेषज्ञ की देख-रेख में कुछ जरूरी लैब टेस्ट भी कराने चाहिए. बार-बार अनावश्यक रूप से कीड़े की दवा देने से बचना चाहिए.