11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दिल्ली में 30% लोग एलर्जी से पीड़ित. कहीं आप भी तो इनमें शामिल नहीं!

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण और इसकी जहरीली हवा की वजह से लोगों की सेहत खराब होने लगी है. हालिया हुए एक शोध के अनुसार, दिल्ली में 30% से ज्यादा लोग एलर्जी से पीड़ित हैं.पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट की ओर से किए गए एक अध्ययन में इसका खुलासा किया है. शोध के अनुसार, दिल्ली में 30% से […]

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण और इसकी जहरीली हवा की वजह से लोगों की सेहत खराब होने लगी है. हालिया हुए एक शोध के अनुसार, दिल्ली में 30% से ज्यादा लोग एलर्जी से पीड़ित हैं.पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट की ओर से किए गए एक अध्ययन में इसका खुलासा किया है.

शोध के अनुसार, दिल्ली में 30% से ज्यादा लोग किसी न किसी प्रकार के एलर्जी से पीड़ित हैं, जिनमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक है.

पिछले तीन दशक की तुलना में दिल्ली में एलर्जी पीड़ितों की संख्या में करीब 20% का इजाफा हुआ है.

11986 में किए गए अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, उस वक्त राजधानी में 10% लोग एलर्जी से पीड़ित थे. अब यह संख्या बढ़कर 30% तक पहुंच गई है.

इंस्टीट्यूट के नेशनल सेंटर ऑफ रेस्पिरेट्री एलर्जी, अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी (एनसीआरएएआइ) के प्रमुख डॉ. राजकुमार ने 918 लोगों की स्किन प्रिक टेस्ट की, जिसमें 548 पुरुष और 370 महिलाएं थीं.

जांच में पाया गया कि 30% लोगों को एलर्जी है. उनमें 80 तरह के एलर्जी की बीमारी पाई गई. इसके बावजूद लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते.

अध्ययन में पाया गया कि एलर्जी से पीड़ित सिर्फ 20% लोग ही इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करते हैं. राइनाइटिज होने पर 74% लोग मेडिसिन के डॉक्टरों से इलाज कराते हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों से कोई इलाज नहीं कराता और ठीक इलाज नहीं होने पर राइनाइटिज की बीमारी आगे चलकर अस्थमा में तब्दील हो जाती है. धूलकण, फफूंदी, कीड़े, खाने, फूलों के पराग कण, कॉकरोच मारने की दवा आदि से दिल्ली में एलर्जी की बीमारी अधिक हो रही है.

दिल्ली में प्रदूषण बड़ी समस्या बनकर सामने आई है. इसका बड़ा कारण धूलकण है. ऐसे में पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट का यह अध्ययन भविष्य के प्रति सचेत करने वाला है क्योंकि एलर्जी की बढ़ती समस्या के कारण आने वाले दिनों में अस्थमा की बीमारी और ज्यादा बढ़ सकती है.

यही नहीं, कबूतर की बीट से भी खतरा हो सकता है. डॉक्टरों ने पाया है कि कबूतरों की बीट से भी फेफड़े में संक्रमण और निमोनिया की बीमारी हो जाती है. पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट में फेफड़े के संक्रमण से पीड़ित होकर इलाज के लिए पहुंचे दो मरीजों में इसकी पुष्टि हुई है. इसके बाद संस्थान के डॉक्टर इस पर भी शोध करने की तैयारी में हैं. विदेश में हुए शोध में यह साबित हो चुका है कि कबूतर की बीट से एलर्जी की बीमारी होती है, जो धीरे-धीरे फेफड़े के गंभीर संक्रमण एवं निमोनिया में तब्दील हो जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें