दिन भर काम और रात में टेंशन की वजह से यदि आप सो नहीं पाते हैं तो जरा संभल जाएं, कहीं आपकी यदि आदत आपको दिल की गंभीर बीमारियां न दे जाए.
कम सोना या अनिद्रा (स्लीप एपनिया) की बीमारी से गंभीर दिल के रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. लंबे समय तक अनियमित और खराब नींद दिल के रोगों का खतरा बढ़ा सकती है.
कॉलेस्ट्रॉल, ट्रिग्लिसेराइड का अधिक होना और उच्च रक्तचाप अनिद्रा का मुख्य कारण है. स्लीप एपनिया के कारण रात में बार-बार लोगों की सांस कुछ समय के लिए रुक जाती है. जिन्हें दिल के रोग होते हैं उनमें से 83 फीसदी लोगों को स्लीप एपनिया होता है.
अनिंद्रा से पीड़ित लोगों का पाचन तंत्र धीमा होता है और उन्हें वजन कम करने में भी ज्यादा मुश्किल आती है. व्यायाम करने या सेहतमंद आदतें अपनाने की अनिच्छा भी इस पर असर डालती है.
खराब नींद की वजह से सी-रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ जाता है. इस वजह से चोट लगने, संक्रमण या रोग होने पर सूजन आ जाती है, इसी वजह से अनिद्रा दिल की प्रणाली पर प्रभाव डालती है.
इसकी वजह से ही तनाव के हार्मोन ज्यादा उत्पन्न होते हैं, जो दिल के रोगों का कारण बन सकते हैं.
दूसरी ओर दिल के रोगों के लक्षण खराब नींद का कारण बन सकते हैं. एनजायना और हार्ट फेल होने से फेफड़ों में तरल जमा होने से भी निद्रा में रूकावट पैदा हो सकती है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ के के अग्रवाल ने कहा कि सेहतमंद दिल के लिए नींद बेहद जरूरी है. जो लोग नींद पूरी नहीं करते हैं उन्हें उम्र, वजन, धूम्रपान और व्यायाम करने के बावजूद दिल के रोग होने का गंभीर खतरा है. जो लोग सात से आठ घंटे नींद लेते हैं वह ज्यादा सजग रहते हैं और ध्यान केंद्रित कर पाते हैं. उन्हें तनाव और बेचैनी कम होती है.
अच्छी नींद लेने से पाचन तंत्र और वजन कम करने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि अनिंद्रा से बचने के लिए व्यायाम करें और सप्ताह में 30 से 40 मिनट हल्की से सख्त एयरोबिक एक्सरसाईज तीन या चार बार करें.
कैफीन से बचें खास कर रात को सोने से पहले. सोने के वक्त की एक रूटीन बनाएं. योग, गहरी सांस की क्रियाएं, ध्यान और अन्य आराम देने वाली तकनीकें बेहतर निद्रा लेने में मदद कर सकती है.