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गर्भावस्था में होमियोपैथी

जब भी बात सुरक्षा की आती है, तब सबसे पहला ध्यान होमियोपैथी का ही आता है. होमियोपैथी ही एक मात्र ऐसा विकल्प है, जो बिना किसी दुष्परिणाम के समस्याओं का समाधान करती है. इसी कारण गर्भावस्था में होनेवाली कुछ समस्याओं में भी होमियोपैथी दवाओं के प्रयोग को बेहतर माना जाता है. यहां प्रस्तुत है गर्भावस्था […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2016 8:10 AM
जब भी बात सुरक्षा की आती है, तब सबसे पहला ध्यान होमियोपैथी का ही आता है. होमियोपैथी ही एक मात्र ऐसा विकल्प है, जो बिना किसी दुष्परिणाम के समस्याओं का समाधान करती है. इसी कारण गर्भावस्था में होनेवाली कुछ समस्याओं में भी होमियोपैथी दवाओं के प्रयोग को बेहतर माना जाता है. यहां प्रस्तुत है गर्भावस्था में होनेवाली परेशानियों से बचाव और उपचार पर जानकारी.
उल्टी या जी मिचलाना : सुबह उठने के बाद उल्टी होना या जी मिचलाना सामान्यत: वैसी महिलाओं को अधिक होता है, जो पहली बार गर्भवती हुई हों. यह समस्या गर्भधारण के पहले और दूसरे महीने में अधिक होती है, तीसरे-चौथे महीने के आते ही यह समस्या स्वत: समाप्त हो जाती है. परंतु कभी-कभी यह समस्या पूरे गर्भावस्था के दौरान भी बनी रहती है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसे हाइपरइमेसिस गरेविडेरम कहते हैं, जो एक कष्टदायक समस्या है.
बचाव : समस्याओं से बचने के लिए सुबह बिस्तर से उठते ही एक दो बिस्कुट या फल खा लें. तब उतनी परेशानी नहीं होती है. अर्थात‍् सुबह में खाली पेट न रहने दें.
क्या है उपचार
सिपिया : 200 शक्ति, सुबह उठते ही उल्टी जैसा लगे, खट्टा अचार खाने का मन करे.
नक्स वोम : 200 शक्ति, अगर कुछ खाने के बाद उल्टी हो जाती हो.
सिमफोरिकारपस रेसिमोसा : जब उल्टी की समस्या पूरे गर्भ के दौरान रहे, तब ऐसी स्थिति में यह एक उत्तम दवा है. ऐसी स्थिति में 200 शक्ति की दवा चार बूंद सुबह एवं रात एक चम्मच पानी के साथ दें.
गर्भावस्था के दौरान इन दवाओं को लेते रहने से ये समस्याएं दूर रहती हैं. ये दवाएं सुरिक्षत भी मानी जाती हैं. हालांिक िफर भी किसी भी समस्या के लिए दवा लेने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें क्योंिक लक्षणों के अनुसार दवा बदल भी सकती है.
(होमियोपैथी विशेषज्ञ डॉ एस चंद्रा से बातचीत पर आधारित)

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