मिर्गी को आमतौर पर दिमागी बीमारी माना जाता रहा है लेकिन हालिया हुए एक शोध ने इससे जुड़ी कुछ बातों पर खास ध्यान खींचने की कोशिश की है. आइयें बतातें हैं वो क्या हैं…
हालिया हुए एक शोध में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि दिल की गतिविधियों में बदलाव बच्चों में मिर्गी के आगमन की पूर्व सूचना भी हो सकती है. यानी दिल की धडकनों का बढ़ना और कम होना मिर्गी का संकेत देता है.
केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी, ओहायो के प्रोफेसर रॉबटरे फर्नाडिज गैलन की अगुआई में किए गए इस शोध के अनुसार, मिर्गी की स्थिति में हृदय की गति में अस्थिरता को लेकर चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अवस्था में नींद के दौरान पैरासिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम (नर्वस सिस्टम का वह हिस्सा जो हृदय की गति को धीमा करता है) की सक्रियता में बहुत बढ़ जाती है और गति कम हो जाती है.
शोधकर्ताओं को धीमी हृदय गति वाले सामान्य बच्चों में मिर्गी की शिकायत मिली. इस सफलता से अब भविष्य में मिर्गी के खतरों को शुरुआत में ही रोका जा सकेगा. इसके अलावा समय पर इलाज भी संभव होगा सकेगा.