जानिए, महिलाओं को क्यों होती हैं ‘सर्वाइकल की समस्या’
महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही दर्द के अलग-अलग अनुभव होते हैं. ऑफिस में काम करते समय कई बार दोनों को ही गर्दन के दर्द की शिकायत रहती है. इसके चलते वे ढंग से काम करना तो दूर स्ट्रेस फील करते हैं. हालिया हुए एक शोध ने इस समस्या पर नजर डाली है. अमेरिका के […]
महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही दर्द के अलग-अलग अनुभव होते हैं. ऑफिस में काम करते समय कई बार दोनों को ही गर्दन के दर्द की शिकायत रहती है. इसके चलते वे ढंग से काम करना तो दूर स्ट्रेस फील करते हैं. हालिया हुए एक शोध ने इस समस्या पर नजर डाली है.
अमेरिका के शोधार्थियों ने पता लगाया कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में गर्दन दर्द का अधिक सामना करना पड़ता है.
इस तरह के दर्द को सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग के नाम से जाना जाता है. यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को मुख्य रूप से होता है. यह समस्या महिलाओं को 1.38 फीसदी अधिक होने की संभावना होती है.
सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क बीमारी गर्दन के दर्द का एक आम कारण है. इसमें गर्दन में खिंचाव, जलन, झुनझुनी और गर्दन सख्त रहती है. सिर और गर्दन को मूव करने में काफी तेज दर्द महसूस होता है.
इस शोध में लोयोला यूनिवर्सिटी शिकागो स्ट्रिच स्कूल ऑफ मेडिसिन के भारतीय मूल के शोधार्थी राघवेंद्र और जोसेफ होल्टमैन ने करीब 3,337 मरीजों पर अध्ययन किया, जो इस समय गर्दन के दर्द का इलाज करा रहे हैं.
शोधार्थियों ने बताया कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में दर्द का फैलाव थोड़ा अधिक होता है. यह शोध ‘अमेरिकन अकादमी ऑफ पेन मेडिसिन इन पाल्म स्प्रिंग्स’ की एन्वल कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया गया.